मध्य प्रदेश चुनावों अंतिम परिणाम जारी हो चुके हैं, इसमें बीजेपी को भले ही पूर्ण बहुमत मिला हो, लेकिन इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी इस चुनाव में बुरी तरह चुनाव हार गए हैं. मतगणना शुरू होते ही राहुल लोधी पीछे बने हुये थे. यही कारण है कि वे अपनी हार का अंतर तो कम कर पाए, लेकिन हार को जीत में परिवर्तित नहीं कर पाए. उन्हें कांंग्रेस प्रत्याशी चंदा गौर ने 8000 से अधिक वोटों से चुनाव हरा दिया है.
एक्जिट पोल में उमा के भतीजे की क्या थी हालत?
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को बुंदेलखंड का सबसे बड़ा नेता माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब वे मुख्यमंत्री थी तब उन्होंने बुंदेलखंड के छतरपुर जिले की बड़ामलहरा सीट से विधानसभा चुनाव लडा था. इस सीट से उन्हें प्रचंड जीत मिली थी. लेकिन अब उनके भतीजे राहुल लोधी को Exit Poll ने बड़ा दावा किया है. इस पोल के मुताबिक राहुला को कांग्रेस प्रत्याशी चंदा गौर ने कड़ी टक्कर दी है. ऐसा माना जा रहा है कि इस सीट का परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है.Exit Poll के अनुसार भी राहुल लोधी बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं. यानि की आने वाला परिणाम कुछ भी हो सकता है.
कौन हैं चंदा सिंह गौर?
राहुल सिंह लोधी की विधानसभा सदस्यता शून्य करने का फैसला कोर्ट ने चंदा सिंह गौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. चंदा सिंह गौर कांग्रेस नेता हैं. 2013 में खरगापुर से विधायक रही हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में चंदा सिंह गौर ने बीजेपी के राहुल सिंह लोधी को हराया था. इस चुनाव में चंदा सिंह को 59,771 वोट मिले थे जबकि बीजेपी उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी को 54,094 वोट मिले थे.
क्या रहा था 2018 का परिणाम
साल 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी चंदा सुरेंद्र सिंह गौर और बीजेपी प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के बीच मुकाबला था. पिछले चुनाव में राहुल सिंह लोधी को जिताने के लिए विधानसभा से सटे उत्तर प्रदेश के कई दिग्गज नेता भी उनका प्रचार करते दिखाई दिए थे. इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अजय सिंह यादव को 15,366 और निर्दलीय प्यारेलाल सोनी को 13,258 वोट मिले. जबकि बीजेपी के प्रत्याशी राहुल सिंह को 63,066 वोट मिले तो कांग्रेस की चंदा सुरेंद्र सिंह गोर को 51,401 वोट मिले. इस तरह से राहुल ने 11,665 मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया.