भोपाल। मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में नाराजों एवं बागियों के नामांकन भरने से भाजपा और कांग्रेस दोनों की नींद उड़ी हुई है। टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर दोनों ही पार्टियों के तमाम पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और प्रभावी नेताओं ने सपा, आप, बसपा या फिर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन दाखिल किए हैं। ऐसे में दोनों दलों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बागी नेता विधानसभा चुनाव में खेल न बिगाड़ देें। हम बता दें कि नामांकन पत्रों की जांच-पड़ताल के बाद भाजपा-कांग्रेस के 75 से ज्यादा बागी अभी मैदान में डटे हुए हैं।
चुनाव आयोग ने नामांकन वापसी के लिए आज और कल का दिन तय किया है। भाजपा-कांग्रेस के पास बागियों और नाराज उम्मीदवारों की मान-मनौव्वल के लिए सिर्फ दो दिन का समय बचा है। ऐसे में दोनों ही पार्टियां और उनके जिम्मेदार नेता बागी उम्मीदवारों को मनाकर फिर से अपने पाले में लाने की कोशिश में हैं।
40 बागी विधायकों में से 5 को मिली हार, सामना के जरिए उद्धव ठाकरे ने शिंदे को राजनीति छोड़ने के वादे की दिलाई याद
शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उनके राजनीति छोड़ने के वादे की याद दिलाई, यदि 2022 में अविभाजित शिवसेना के विभाजन के दौरान उनके साथ रहने वाले…