छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीट के लिए आज बीजेपी ने अपनी चौथी सूची जारी कर दी है. चार नामों वाली अपनी अंतिम सूची में अंबिकापुर विधानसभा सीट से बीजेपी ने राजेश अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. अब सूबे की डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और भाजपा के राजेश अग्रवाल के बीच सीधा मुकाबला होगा. काफी मंथन के बाद बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश की दूसरी हाईप्रोफाइल सीट के लिए प्रत्याशी चयन किया है. जबकि राजेश अग्रवाल के अलावा दो तीन अन्य दावेदारों के हाथ मायूसी लगी है.
राजेश अग्रवाल का मुकाबला टीएस सिंहदेव से
छत्तीसगढ़ में पाटन के बाद दूसरी सबसे हाई प्रोफाइल सीट अंबिकापुर में भाजपा की टिकट का सस्पेंस आखिरकार समाप्त हो गया. डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के कब्जे वाली इस सीट से बीजेपी ने राजेश अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले लखनपुर नगर पंचायत के रहने वाले राजेश अग्रवाल 2018 में बीजेपी में शामिल हुए थे. इससे पहले राजेश अग्रवाल लखनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में वो बीजेपी के जिला कार्यसमिति सदस्य हैं. पेशे से व्यापारी और भाजपा के राजनीतिक समीकरण में फिट बैठने वाले राजेश अग्रवाल का मुकाबला तीन बार से अंबिकापुर विधायक टीएस सिंहदेव से है.
तीन बार से लगातार जीत रहे हैं डिप्टी सीएम
अंबिकापुर विधानसभा का राजनीतिक इतिहास वर्षों से कांग्रेस के पक्ष में रहा है. 2003 के चुनाव को छोड़ दिया जाए तो अंबिकापुर विधानसभा हमेशा से कांग्रेस के कब्जे में रहा है. 2003 में परिसीमन के पहले आरक्षित रही अंबिकापुर सीट में भाजपा के कमलभान सिंह ने कमल खिलाया था. उसके बाद 2008 में परिसीमन के बाद अम्बिकापुर सीट सामान्य सीट हो गई और 2008 फिर 2013 और 2018 में इस सीट से लगातार तीन बार कांग्रेस के टीएस सिंहदेव विधायक के रूप में चुने जा रहे हैं. ऐसे में बीजेपी ने विधानसभा के कांग्रेसी बेल्ट से आने वाले राजेश अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है.
राजेश अग्रवाल बीजेपी में आने के पहले कांग्रेस में रहते हुए टी एस सिंहदेव के करीबी माने जाते थे और क्षेत्र में वो टी एस सिंहदेव का राजनीतिक चाल को भली भांति समझते हैं. ऐसे में राजेश अग्रवाल पर भाजपा ने दांव खेला है. पर देखना होगा कि कांग्रेस के फेवर वाली अंबिकापुर विधानसभा में राजेश अग्रवाल, टीएस सिंहदेव के सामने कैसी चुनौती पेश करते हैं.