मध्य प्रदेश की चर्चित डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने न्याय प्रक्रिया में देरी के लिए मप्र हाईकोर्ट जबलपुर को फटकार लगाई। सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि केस की अर्जेंसी को समझते हुए हाईकोर्ट एक दो दिन में ही मामले की सुनवाई करें।
सुप्रीम कोर्ट ने फरियादी निशा बांगरे को एक से दो दिन में हाईकोर्ट से संपर्क करने को कहा और उम्मीद जताई है कि उसके इस निर्देश के बाद इस केस की वहां अर्जेंट सुनवाई कर त्वरित न्याय प्रदान किया जाएगा। सुनवाई के दौरान पीठ ने आगामी विधानसभा चुनाव की नामांकन तारीखों को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करने का भी निर्देश दिया।
एसएलपी फाइल
बता दें, फरियादी निशा बांगरे की ओर से सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी। सोमवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से अर्जेंट सुनवाई के लिए अनुरोध किया गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। मामले की सुनवाई के लिए पहले 19 तारीख की तारीख दी गई थी लेकिन बाद में मामले की अर्जेंसी को देखते हुए 18 अक्तूबर बुधवार की तारीख दी गई। केस की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना व पीएस नरसिम्हा ने की। जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने फरियादी का पक्ष रखा।
ये है मामला
निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर के पद से तीन महीने पहले मध्य प्रदेश सरकार को इस्तीफा दे चुकी हैं। लेकिन सरकार ने अब तक न तो उनका इस्तीफा स्वीकार किया है और न ही इसे स्वीकार नहीं करने का कोई उचित कारण बताया है। निशा बांगरे बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं।