पूर्व विधायक और बुंदेलखड़ के दिग्गज नेता अरुणोदय चौबे की कांग्रेस में वापसी हो गई है। उन्होंने एक साल पहले कांग्रेस के अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। अब माना जा रहा है कि वह शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी हो सकते हैं।
बता दें कि अरुणोदय चौबे को पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में पार्टी की दोबारा सदस्यता दिलाई। अरुणोदय चौबे के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद खुरई में कोई भूपेंद्र सिंह को टक्कर देने वाला प्रत्याशी नहीं बचा था। अब अरुणोदय चौबे के दोबारा कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके खुरई से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। जानकारों का कहना है, अरुणोदय के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद खुरई में कांग्रेस खत्म हो गई थी। अब उनके वापस आने से आगामी विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह को चुनाव में चुनौती मिलना तय है।
साल 2008 में भूपेंद्र सिंह से जीते थे चुनाव
अरुणोदय चौबे और भूपेंद्र सिंह तीन बार विधानसभा का चुनाव आमने-सामने लड़ चुके हैं। अरुणोदय साल 2008 में भूपेंद्र सिंह से चुनाव जीत गए थे। लेकिन इसके बाद 2012 और 2018 में वह चुनाव हार गए। भाजपा ने मंत्री भूपेंद्र सिंह को टिकट दे दिया है। ऐस में अब वह चौथी बार 2023 में भूपेंद्र सिंह को टक्कर दे सकते हैं।
इसलिए दिया था कांग्रेस से इस्तीफा
खुरई में करीब डेढ़ साल पहले भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़ गए थे। दोनों के बीच जमकर झड़प हुई थी। इस मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और अरुणोदय चौबे पर केस दर्ज हुए थे। उस समय उनको पार्टी का साथ नहीं मिला था। इस बात का जिक्र अरुणोदय ने अपने इस्तीफे में भी किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि लिखा है कि 30 साल से कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहा हूं, लेकिन खुरई में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ जो बर्ताव हुआ, उससे मैं और खुरई के सभी कार्यकर्ता दुखी है। इस बात का जिक्र कर कांग्रेस के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा में जाने की थीं अटकलें
अरुणोदय चौबे के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उनकी भाजपा में शामिल होने की अटकलें शुरू हुई थी। विधायक और मंत्री भूपेंद्र सिंह उनको भाजपा में शामिल होने का निमंत्रण दे चुके थे। हालांकि, उन्होंने भाजपा ज्वाइन नहीं की। अब दोबारा कांग्रेस में शामिल होने से उनका खुरई से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।