आयुर्वेद पर आधारित आहार योगाभ्यास मदद करता है

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योगाभ्यास में कैसे मदद करता है आयुर्वेद पर आधारित आहार

क्या आप 2019 में योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प पूरा करके खुश हैं? होना भी चाहिए। लेकिन क्या आप योगाभ्यास के साथ ऐसा भोजन भी ले रहे हैं, जो वास्तव में आपके शरीर को योग का पूरा लाभ उठाने में मदद करेगा।

शुरुआत से ही योग की जड़ें आयुर्वेद से जुड़ी हैं और आयुर्वेद इस बात पर ज़ोर देता है कि विभिन्न प्रकार के शरीर, अलग-अलग तरह के आहार से पनपते हैं। उदाहरण के लिए, यदि वात के प्रभाव वाला शरीर है तो तेलों और विभिन्न अनाज के सेवन से फायदा मिलेगा। उसी तरह पित्त वाले शरीर के लिए सलाद जैसे ठंडक पहुंचाने वाले खाद्य गुणकारी होंगे। जबकि कफ प्रधान शरीर को काली मिर्च जैसे तेज़ खाद्य पदार्थों का सेवन लाभ पहुंचाएगा। यही वजह है कि योगाभ्यास के साथ सही आहार लेना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि शरीर के टिशूज़ यानि उत्तकों के पोषण से ही मस्तिष्क और भावनाओं के पोषण का आधार तैयार होता है।

यह ज़रूरी है कि आप प्रतिदिन विभिन्न आसन और प्राणायम करने के साथ-साथ, उच्च फाइबर, विटामिन, स्वस्थ वसा और प्राकृतिक शर्करा के मेल से बना संतुलित आहार लें। यहां मौजूद हैं कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जो योगाभ्यास के फायदों को बढ़ाने में सहायक हैं:

हरा हराए रोग

भारत के हर क्षेत्र में हरी पत्तेदार सब्ज़ियां अच्छी मात्रा में होती हैं। पालक, सरसों के पत्ते, राजगीर और मेथी कुछ ऐसी हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में से हैं जिन्हें पराठों, सूप और सब्ज़ी के रूप में खाया जाता है। इन हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को न केवल पकाना और पचाना आसान है बल्कि ये विटामिन के, सी, और ई के अलावा आयरन, फाइबर और कैल्शियम से भी भरपूर होती हैं।

बेरी वंडरफुल

हमारे ऋषि-मुनि हमेशा से प्रकृति की गोद में पनपने वाले इन छोटे-छोटे फलों को खाकर अच्छा स्वास्थ्य पाते आए हैं। आश्चर्य की बात नहीं क्योंकि चाहे स्ट्रॉबेरी हो, जामुन, करौंदा या कोई अन्य देसी बेर, इन सभी में विभिन्न बीमारियों से लड़ने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। उच्च फाइबर वाले इन छोटे-छोटे गुणकारी फलों को खाकर आपको काफी देर तक भूख नहीं लगती। इनमें मौजूद प्राकृतिक शर्करा आपको योगाभ्यास करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करती है।

दाल का कमाल

इन चीज़ों को युवा बने रहने का नुस्खा यूं ही नहीं कहा जाता। जिस दाल को हम बचपन से खाते आए हैं उसे आज ढलती उम्र का असर कम करने वाले गुणों के लिए दुनिया भर में पहचाना जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि दाल में, पौधों से मिलने वाले किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ की तुलना में सबसे अधिक मात्रा में फोलेट पाया जाता है। हमारी तुअर, चना, मसूर और मूंग की दालों में दिन भर के लिए पर्याप्त ऊर्जा का खज़ाना मौजूद रहता है।

घी में है दम

भारतीय रसोई में मुख्य रूप से इस्तेमाल होने वाला एक अन्य उत्पाद है घी,जिसे आयुर्वेद में शरीर को संतुलित करने और पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए दवा के तौर पर उपयोग किया जाता रहा है। इसे शरीर से विषैले पदार्थ निकालने और कब्ज़ में आराम देने के लिए भी जाना जाता है। 2 बड़े

चम्मच घी किसी भी व्यंजन में डालकर या रोटी पर लगा कर खाने से आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता है।

ताज़े फल, ताज़ा स्वास्थ्य

मौसमी और स्थानीय फल हमारे पूर्वजों की पसंद रहे हैं। इसके कई कारण हैं। फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स की उच्च मात्रा होने के चलते फलों का सेवन एक स्वस्थ जीवनशैली में योगदान देता है। इसके अलावा यह दिन में भूख को भी शांत करते हैं और इनमें मौजूद प्राकृतिक शर्करा की वजह से पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा भी मिलती है।

थोड़ा नींबू-पानी भी हो जाए

अगर आप योग को अपने दैनिक जीवन का नियमित हिस्सा बनाना चाहते हैं तो चाय और कॉफी को अलविदा कहकर गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर पीने की आदत डालिए। यह न केवल आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है बल्कि शरीर में अम्ल को निष्क्रिय करके उसे बीमारियों की चपेट में आने से बचाता है। विटामिन सी से भरपूर होने के चलते यह जोड़ों और मांसपेशियों के लिए भी काफी फायदेमंद है।

यदि आपको जूस ज़्यादा पसंद हैं तो हम मौसमी फलों और सब्ज़ियों का ताज़ा जूस पीने की सलाह देंगे। योगा डाइड में जूस को शामिल करने से शरीर के विषैले पदार्थ आसानी से निकल जाएंगे।

#कैसे बनाएं योग और आहार का संतुलन

  • खाली पेट योग का अभ्यास करें
  • योगाभ्यास के बाद भूख लगने पर कुछ बादाम, एक केला या एक नाशपाती का हल्का नाश्ता करें
  • सुबह के समय योग करना सबसे अच्छा रहता है। सुबह के योग की तैयारी शुरू करें रात को हल्का, आसानी से पचने वाला भोजन करके
  • योगाभ्यास के बाद अच्छी तरह पानी पिएं। दिन भर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें। नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स का अच्छा स्रोत है।

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