दंतेवाड़ा में एनएमडीसी प्रबंधन के खिलाफ धरने पर बैठे हजारों आदिवासी

दंतेवाड़ा

दंतेवाड़ा : जिले में हजारों आदिवासियों ने एनएमडीसी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आदवासी एनएमडीसी के दफ्तर के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं, जिससे एनएमडीसी बचेली प्लांट में काम भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. बताया जा रहा है कि हजारों आदवासी ग्रामीण सोमवार तड़के सुबह से ही एनएमडीसी चेक पोस्ट के पास राशन पानी लेकर धरने पर बैठ गए हैं, जिस वजह से प्लांट के कर्मचारी अंदर तक नहीं पहुंच पाए और काम पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. यह ग्रामीण डिपॉजिट नंबर चार में प्लांट खुलने का विरोध कर रहे हैं और किसी तरह की कोई सुनवाई न होते देख सोमवार को प्लांट प्रभावित लगभग 10 गांव के हजारों ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

ग्रामीणों की मांग है कि जब तक डिपॉजिट नंबर चार में प्रस्तावित प्लांट के काम को पूरी तरह से बंद नहीं कर दिया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. वहीं सोमवार को एनएमडीसी के बचेली प्लांट में काम बंद होने से प्रबंधन को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. दरअसल जिले के बचेली में स्थित एनएमडीसी के डिपॉजिट नंबर चार में एनएमडीसी ने अपनी आयरन ओर की प्लांट खोलने की तैयारी पूरी कर ली है. बताया जा रहा है कि इसके लिए शुरुआती तौर पर काम भी शुरू कर दिया गया है. इस प्लांट का विरोध कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा सारे नियमों को ताक में रखकर इस प्लांट को खोलने की तैयारी चल रही है।

ग्रामीणों ने क्या कहा
ग्रामीणों का कहना है कि डिपॉजिट नंबर चार की पहाड़ से हमारी आस्था जुडी हुई है. साथ ही इस प्लांट के लिए प्रबंधन के द्वारा हजारों पेड़ों की बलि चढ़ाई जाएगी, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा. नियम के मुताबिक ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद ही इस प्लांट को खोल जाना है, लेकिन एनएमडीसी प्रबंधन बिना ग्रामीणों को अपने भरोसे में लिए ही अपनी मनमानी कर इस प्लांट को खोलने की तैयारी कर रहा है. इस प्लांट के खुलने से आसपास के लगभग 10 गांव के हजारों ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए वे नहीं चाहते हैं कि एनएमडीसी प्रबंधन डिपॉजिट नंबर चार में प्लांट खोलें. इसलिए उन्होंने इस प्लांट के काम को बंद करने की बात कहते हुए प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और धरने पर बैठ गए हैं।

जंगल और पहाड़ आदिवासियों की आस्था
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जंगल और पहाड़ यहां के आदिवासियो की आस्था है, जिसके साथ खिलवाड़ होने नहीं दिया जाएगा. बता दें डिपॉजिट नंबर चार में प्लांट खोलने के विरोध में ग्रामीण लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. इससे पहले भी कई बार बैठके हुईं. तमाम बैठकों में ग्रामीणों ने एक स्वर में किसी भी कीमत पर प्लांट नहीं खुलने देने की बात कही. वहीं बीते 12 सितंबर को भी एनएमडीसी और प्रशासन ने जनसुनवाई का आयोजन किया था, लेकिन ग्रामीण जनसुनवाई तक नहीं पहुंच पाए. इसके बाद उन्होंने सड़क पर ही बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

इसके बाद इस जनसुनवाई को शून्य घोषित कर दिया गया था. वहीं सोमवार को जैसे ही उन्हें भनक लगी है कि एनएमडीसी प्रबंधन एक बार फिर से प्लांट खोलने के लिए उतारू हो गया है, तो हजारों ग्रामीण बचेली एनएमडीसी चेक पोस्ट पर धरने पर बैठ गए और अपना आंदोलन दोबारा शुरू कर दिया है।

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