भाजपा ने मप्र विधानसभा चुनाव के लिए जारी दूसरी सूची में देपालपुर सीट से मनोज पटेल को मौका दिया है। 2013 में मनोज पटेल ने 30,197 वोट के अंतर से सत्यनारायण पटेल को हराया था। इसके बाद 2018 में कांग्रेस के विशाल पटेल ने 9,044 वोट से मनोज पटेल को शिकस्त दी। अब भाजपा ने मनोज पटेल को एक बार फिर से मौका दिया है। यहां पर कांग्रेस का टिकट अभी तक तय नहीं हुआ है। यहां की खास बात यह है कि जनता एक बार चुनाव जीतने के बाद दूसरी बार उस जनप्रतिनिधि को नकार देती है और फिर दूसरे नेता को मौका देती है।
देपालपुर विधानसभा के कुल मतदाता
देपालपुर विधानसभा में कुल मतदाता 2 लाख 51 हजार 665 मतदाता हैं। जिसमें से 18 से 19 वर्ष की आयु के मतदाता कुल 4386 हैं। जिसमें 2634 पुरुष मतदाता और 1752 महिला मतदाता शामिल हैं। ठीक इसी तरह 20 वर्ष से लेकर सम्पूर्ण मतदाता 2 लाख 47 हजार 279 हैं। जिसमें पुरुष मतदाता 1 लाख 25 हजार 685 और महिला मतदाता 1 लाख 21 हजार 589 शामिल हैं।
हमेशा पटेल ही बनता है यहां से विधायक
देपालपुर इंदौर से करीब 40 किलोमीटर दूर है। खास बात यह है कि यहां कलोता समाज के किसान ही तय करते हैं कि कौन जीतेगा। क्षेत्र में करीब 70 प्रतिशत मतदाता इन्हीं के हैं। यह भी रोचक बात है कि हमेशा दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा कलोता समाज के दावेदार को ही टिकट देते हैं। दोनों ही तरफ चुनाव लड़ने वाले हमेशा पटेल होते हैं। यहां के वोटरों ने दोनों ही दलों को मौका दिया है। यहां पर कांग्रेस और भाजपा दोनों के विधायक जीतते रहे हैं। यह विधानसभा कलोता समाज का गढ़ है। इसके बाद राजपूत समाज, धाकड़ समाज और खाती समाज का यहां पर दबदबा रहा है।
यहां से कौन कब जीता चुनाव
1980 में बीजेपी के निर्भय सिंह पटेल
1985 में कांग्रेस के रामेश्वर पटेल
1990 में बीजेपी के निर्भय सिंह पटेल
1993 में सरकार भंग होने के बाद हुए चुनाव में पुनः बीजेपी के निर्भय सिंह पटेल विधायक बने
1997 में निर्भय सिंह पटेल के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के जगदीश पटेल जीते
1998 में फिर से हुए चुनाव में कांग्रेस के जगदीश पटेल जीते
2003 में बीजेपी के मनोज निर्भय सिंह पटेल विधायक बने
2008 में कांग्रेस के सत्यनारायण रामेश्वर पटेल विधायक बने
2013 में मनोज पटेल ने 30,197 के मतों के अंतर से सत्यनारायण पटेल को हराया
2018 में कांग्रेस के विशाल पटेल ने 9044 मतों से मनोज पटेल को हराया