नई दिल्ली । कोरोना महामारी के बाद केरल में अब एक और वायरस निपाह ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में निपाह वायरस को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। यहां दो अप्राकृतिक मौत के बाद इसकी वजह निपाह वायरस बताई जा रही है। जिसके बाद से ही राज्य में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर अलर्ट जारी है। लोगों की चिंता भी काफी बढ़ गई है। दरअसल क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक निपाह वायरस, एक जानलेवा वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। यही वजह है कि इसे जूनोटिक वायरस भी कहा जाता है। यह मुख्य रूप से फ्रूट बेट्स से फैलता है, जिसे उड़ने वाली लोमड़ी के नाम से भी जाता है। हालांकि, चमगादड़ के अलावा यह वायरस सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते या बिल्लियों जैसे अन्य जानवरों के जरिए भी फैल सकता है। यह वायरस आमतौर पर किसी संक्रमित जानवर के शारीरिक तरल पदार्थ जैसे खूल, मल, पेशाब या लार के संपर्क में आने से फैलता है।
जानकारों की मानें तो लगभग हर साल एशिया के कुछ हिस्सों, मुख्य रूप से बांग्लादेश और भारत में निपाह वायरस का प्रकोप देखने को मिलता है। सबसे पहले इसकी खोज साल 1999 में हुई थी, जहां इस वायरस की वजह से मलेशिया और सिंगापुर में 100 लोगों की मौत हो गई थी। इस वायरस के प्रति संवेदनशील देशों में भारत के अलावा बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिलीपींस और थाईलैंड आदि शामिल हैं। आमतौर पर इस वायरस के संपर्क में आने के 4 से 14 दिनों के अंदर लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं। शुरुआत में पहले बुखार या सिरदर्द और बाद में खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं होती हैं। बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, खांसी और खराब गला, दस्त, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, बहुत ज्यादा कमजोरी आदि इसके प्रमुख लक्षण है।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…