भारत ने रविवार को जी20 की अध्यक्षता ब्राजील को सौंप दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को गैवल (हथौड़ा) देते हुए जी20 अध्यक्षता सौंपने की आधिकारिक पुष्टि की. ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के हितों के विषयों को आवाज देने के लिए भारत की तारीफ की. वहीं, हथौड़े को देते समय प्रधानमंत्री एक प्रमुख चीज सौंपना ही भूल गए, जिसके बाद लूला ने उन्हें इशारा कर बताया कि वह क्या भूले हैं.
ब्राजील इस साल 1 दिसंबर से आधिकारिक तौर पर जी20 की अध्यक्षता संभालने वाला है. भारत से पहले जी20 की मेजबानी की जिम्मेदारी इंडोनेशिया के पास थी. पिछले साल नवंबर में जी20 की अध्यक्षता भारत को सौंपी गई. इसके बाद से ही दिल्ली में जी20 की जबरदस्त तैयारी की गई. जी20 के सदस्य देशों में से किसी एक को हर साल जी20 की अध्यक्षता करने की जिम्मेदारी मिलती है. ये रोटेशनल आधार पर किया जाता है, यानी कि हर साल कोई एक देश इसकी मेजबानी करता है.
राष्ट्रपति लूला को क्या देना भूले पीएम मोदी?
जी20 के समापन सत्र के दौरान पीएम मोदी ने ब्राजील को गैवल दिया और अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने जिस समय गैवल राष्ट्रपति लूला को सौंपा, उस वक्त वह एक चीज देना भूल गए. इस पर राष्ट्रपति लूला ने उन्हें इशारा किया और फिर पीएम ने इशारा समझते हुए वो चीज उन्हें सौंप दी. दरअसल, ये चीज थी गैवल का बेस, जिस पर गैवल यानी हथौड़े को ठोका जाता है. इस बेस को साउंड ब्लॉक कहा जाता है, जो हथौड़े की तरह ही लकड़ी का बना हुआ होता है.
अदालतों के भीतर भी जज इसी तरह से साउंड ब्लॉक का इस्तेमाल करते हैं. जब पीएम गैवल दे रहे थे, तो उनका ध्यान साउंड ब्लॉक की तरफ गया ही नहीं. फिर ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम की ओर इशारा किया. पीएम मोदी ने इशारे को समझते हुए साउंड ब्लॉक को उठाया और राष्ट्रपति लूला को सौंप दिया. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति लूला दोनों ही एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे और फिर अपनी-अपनी सीट पर बैठ गए.
राष्ट्रपति लूला ने की भारत की सराहना
वहीं, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने प्रधानमंत्री मोदी को शुभकामनाएं दी. उन्होंने उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की आवाज उठाने के प्रयासों के लिए भारत की सराहना की. उन्होंने सामाजिक समावेश, भूख के खिलाफ लड़ाई, ऊर्जा परिवर्तन और सतत विकास को भी जी20 शिखर सम्मेलन की प्राथमिकताओं में शामिल करने पर जोर दिया. राष्ट्रपति लूला ने वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या बढ़ाने की भी वकालत की.