देश में होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन के बैठक को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा है. देश की राजधानी दिल्ली में 9 से 10 सितंबर के बीच यानी पूरे दो दिन दुनिया के सबसे बड़े शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इसमें दुनिया भर से कुल 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत पहुंचने लगे है. इस शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए देश की मोदी सरकार किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसको लेकर पूरे दिल्ली में सजावट का काम जोर-शोर से किया गया है.
आपको बता दें कि जी 20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए काफी पैसे भी खर्च किए गए हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए आयोजन पर 10 करोड़ डॉलर से अधिक का खर्च होने का अनुमान है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह ये भी है कि आज तक देश में इतने बड़े स्तर का आयोजन पहले कभी नहीं किया गया था.
18 बार शिखर सम्मेलन का आयोजन
एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक जितने भी जी 20 के आयोजन किए गए है, उनमे से भारत में होने जा रहे जी 20 शिखर सम्मेलन को सबसे बेहतर माना जा रहा है. अब तक के जी 20 के इतिहास में कुल 18 बार शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है. जहां पिछली बार जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन बाली में किया गया था, वहीं अगले साल यानी 2024 में इसका आयोजन लैटिन देश ब्राजील में होने जा रहा है.
इन आंकड़ों से लगा लीजिए अंदाजा
जी 20 समूह में शामिल देशों की आर्थिक हैसियत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अगर इसके 20 सदस्य देशों दुनिया से हटा दिया जाए तो पूरी दुनिया कंगाल हो जाएगी. जी 20 में शामिल कुल 20 देश अकेले पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था यानी GDP में करीब 85 फीसदी का योगदान देते हैं. वहीं कुल वैश्विक व्यापार में जी 20 देशों का योगदान 75 फीसदी से ज्यादा है.