मध्य प्रदेश में आधी आबादी यानी महिलाओं के वोट की लड़ाई पूरे उफान पर है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ में अब इस बात की होड़ लगी है कि बहनों का ज्यादा हितैषी भैया कौन है? दोनों एक-दूसरे के खिलाफ तीखे आरोप भी लगा रहे है.हालांकि, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है कि महिलाओं का वोट किसकी योजनाओं को ज्यादा पसंद करता है.
यहां बताते चले कि मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 6 जनवरी 2024 को खत्म होने वाला है. इसके पहले चुनाव कराना संवैधानिक बाध्यता है. इसी लिहाज से जहां सरकारी मशीनरी चुनाव की तैयारी में जुट गई है तो राजनीतिक दल भी मतदाताओं को लुभाने का जतन कर रहे है.
सबसे पहले जानते है कि मध्य प्रदेश में मतदाताओं के आंकड़े क्या कह रहे है? निर्वाचन आयोग द्वारा 31 अगस्त 2023 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में कुल पांच करोड़ 44 लाख 52 हजार 522 मतदाता है. इसमें दो करोड़ 81 लाख 26 हजार 191 पुरुष मतदाता और दो करोड़ 62 लाख 49 हजार 578 महिला मतदाता हैं. प्रदेश में अभी थर्ड जेंडर के 1326 मतदाता हैं.
लाडली बहनों को 1250 रुपये महीना दिया जाएगा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीजेपी की ओर से अगले चुनाव के लिए मुख्य बल्लेबाज की भूमिका में है.लाडली बहनों के भैया और लाडली लक्ष्मी के मामा बनकर शिवराज पूरे मध्य प्रदेश में घूम-घूम कर अपनी योजनाओं और चुनावी वादों का प्रचार कर रहे है. इसी कड़ी में महाकोशल के जबलपुर और मालवा के इंदौर के बाद अब लाडली बहना योजना का तीसरा मेगा इवेंट ग्वालियर-चंबल के एपिसेंटर ग्वालियर में 10 सितंबर को होने जा रहा है.सीएम चौहान यह भी ऐलान कर रहे है कि 10 अक्टूबर से लाडली बहनों को 1250 रुपये महीना दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री शिवराज की घोषणा
- मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में अक्टूबर माह से बहनों के खाते में आएंगे 1250 रुपये.
- जिस क्षेत्र में आधी से ज्यादा बहनें नहीं चाहेंगी कि वहां शराब की दुकान हो, वहां अगले साल से शराब की दुकान होगी बंद.
- पुलिस भर्ती में महिला आरक्षण 30% से बढ़ाकर 35% होगा.
- शिक्षक भर्ती में 50% और अन्य शासकीय पदों पर भर्ती में महिलाओं को 35% आरक्षण.
- सरकार द्वारा की जाने वाली नियुक्तियों में 35% नियुक्तियां बहनों की होगी.
- सभी लाड़ली बहनें आजीविका मिशन के अंतर्गत आयेंगी,5 साल में लाड़ली बहनों को बनाया जायेगा लखपति.
- 1.25 करोड़ बहनों के खाते में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतरित किए 250 रुपये.
- जिन बहनों के पास रहने की जमीन नहीं है उन्हें गांव में फ्री में मिलेगा प्लॉट.
- शहर में माफियाओं से छुड़ाई गई जमीन पर गरीबों के लिए घर बनाकर बहनों के नाम किए जाएंगे.
- बहनों के बढ़े हुए बिजली बिलों की वसूली पर रोक लगेगी.
- सितम्बर में बढ़े हुए बिल शून्य हो जाएंगे और उसके बाद गरीब बहनों का बिजली बिल मात्र 100 रुपये आएगा.
- सावन के महीने में रसोई गैस का सिलेंडर 450 रुपये में मिलेगा.
दूसरी तरफ, कांग्रेस के सीएम इन वेटिंग कमलनाथ भी सूबे की महिला मतदाताओं की ताकत का अनुमान लगाकर खुद को बहनों का शिवराज से ज्यादा बड़ा हितैषी बता रहे है.उन्होंने अपनी शुरुआती पांच चुनावी गारंटी में महिलाओं को सबसे ज्यादा तवज्जो दी थी.
कमलनाथ की गारंटी - कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी और बहनों की महंगाई से रक्षा की जाएगी और उन्हें 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा.
- बहनों की आर्थिक आजादी की रक्षा की जाएगी और उन्हें 1500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे.
- बहनों की भारी भरकम बिजली बिलों से रक्षा की जाएगी और उनके घर-परिवार को 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ और 200 यूनिट तक बिजली बिल हाफ मिलेगा.
- बहनों की महिला अत्याचार से रक्षा की जाएगी और प्रदेश में अपराधियों पर लगाम कसी जाएगी.
- बहनों की अशिक्षा से रक्षा की जाएगी और मध्य प्रदेश को बहन बेटियों की पढ़ाई में नंबर वन बनाया जाएगा.
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार विप्लव अग्रवाल कहते है कि चुनावी राजनीति में पुरुषों के मुताबिक महिला वोटर ज्यादा कमिटेड मानी जाती है. यह बात नेता और राजनीतिक दल भली-भांति जानते है.इसी वजह से मध्यप्रदेश के इस बार के इलेक्शन का मुख्य बैटल फील्ड वीमेन वोटर्स है.