बहन भाई का परम पुनीत पवित्र त्योहार रक्षाबंधन का पर्व सावन की पूर्णिमा 31 अगस्त 2023 दिन बृहस्पतिवार को उदय व्यापिनी पूर्णिमा में मनाया जाएगा । पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त को प्रात:काल 10 बजकर 59 मिनट से हो रही है और यह 31 अगस्त को प्रात:काल 7 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। इसके साथ 30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ भद्रा की शुरुआत हो जाएगी जोकि 30 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 01 मिनट तक रहेगी, भद्रा का समय रक्षाबंधन के लिए निषिद्ध माना जाता है।
रात्रि में नहीं है राखी बांधने का विधान
ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी के अनुसार सभी हिंदू ग्रन्थ भद्रा समाप्त होने के पश्चात रक्षाबंधन करने की सलाह देते हैं। इसीलिए भद्रा के समय रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाया जाता है। कुछ विद्वान रात्रि में भद्रा समाप्त होने के बाद रक्षाबंधन पर्व मनाने की सलाह दे रहे हैं जोकि पूर्णतया गलत है क्योंकि रात्रि में रक्षाबंधन मनाने का कोई विधान नहीं है। इसीलिए 31 अगस्त को उदया पूर्णिमा में ही रक्षाबंधन मनाना उचित रहेगा। उदयातिथि की मान्यता सूर्यास्त तक रहती है इसलिए पूरे दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा ।जिस तिथि में सूर्योदय होता है वह तिथि त्योहार में दिनभर ग्राह्य है। केवल कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिनमें कर्मकाल व्यापिनी तिथि को किया जा सकता है। हालांकि रक्षाबंधन के पर्व में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है, इसलिए बड़े ही आनंद हर्षोल्लास पूर्वक दिनांक 31 अगस्त दिन बृहस्पतिवार को प्रेम स्नेह पूर्वक बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधकर, मिठाई खिलाकर रक्षाबंधन का पर्व संपादित कर सकती हैं।