मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है और इस बीच वो हर मुद्दा बेहद अहम है, जो जनता पर प्रभाव डालता है. भले ही वो धर्म का मुद्दा हो या विज्ञान और विकास का. वहीं, मौजूदा समय में मध्य प्रदेश कथावाचकों का दौर भी चल रहा है. आए दिन राज्य की दोनों मुख्य पार्टियों के बड़े नेता कुबेरेश्वर धाम के पंडित प्रदीप मिश्रा या बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन करते और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते दिख जाते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में धर्म एक बड़ा मुद्दा होने वाला है? क्या इस इलेक्शन में साधु-संत कोई बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं?
न्यूज के कार्यक्रम में जब ये सवाल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से किया गया तो उन्होंने कहा कि वो संतों का सम्मान करते हैं. उनके लिए ये चुनावी मुद्दा नहीं है. सीएम शिवराज ने कहा, ‘मैं संतों का सदैव सम्मान करता हूं और हम इसे चुनाव से नहीं जोड़ते. संत चुनाव से अलग हैं, हमारे यहां वे श्रद्धा और आस्था का विषय हैं. विश्वास के विषय चुनाव से अलग होते हैं. इसलिए हम जो संतों से मिलने जाते हैं, वो चुनावों को देखकर नहीं बल्कि आस्था के कारणों से जाते हैं.’
सीएम शिवराज ने साधा कांग्रेस पर निशाना
वहीं, इसी मुद्दे पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमला करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘अब कमलनाथ संतों से मिलने क्यों जाते हैं, ये उनसे पूछना चाहिए. क्योंकि उन्हीं की पार्टी के लोग इस मामले में गालियां भी देते रहते हैं. एक कहता है दर्शन करने चलो को दूसरा कहता है कि ये गलत है.’ सीएम कहा कहना है कि इसपर कांग्रेस में आपस में ही लट्ठम-लट्ठा चलती रहती है. अब ये समझ में नहीं आता कि कांग्रेस किस दिशा में जा रही है.
सोनिया-राहुल गांधी से मांगा जवाब
वहीं, सीएम ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि ये वही कमलनाथ हैं जो पहले भगवान का नाम लेना सांप्रदायिक होने का प्रतीक मानते थे. अब रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ खुद ही करते हैं. त्रिपुण्ड लगा रहे हैं और त्रिशूल लेकर घूम रहे हैं. सीएम ने कहा कि कांग्रेस किस दिशा में जा रही है इसका जवाब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को देना चाहिए.