हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाने के बाद मानसून कमजोर पड़ गया है। अब एक सप्ताह तक प्रदेश में कम बारिश होने का पूर्वानुमान है। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के सभी जिलों में शनिवार को दिन भर धूप खिली। कुल्लू-मंडी एनएच वाया पंडोह छोटे वाहनों के लिए बहाल हो गया है। शनिवार को इस मार्ग से सब्जियों और सेब के करीब 700 वाहन निकाले गए। चार दिन बाद यह मार्ग बहाल हुआ। कुल्लू जिले के सैंज के बनाउगी में ढाई मंजिला मकान भरभराकर गिर गया। हालांकि, खतरे को देखते हुए घर को पहले ही खाली कर दिया था।
488 सड़कें अभी भी ठप, 45 घर ढहे
उधर, प्रदेश में अभी भी 488 सड़कें, 295 बिजली ट्रांसफार्मर और 154 पेयजल योजनाएं ठप हैं। शनिवार को प्रदेश में 45 घर ढहे, 166 घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए। 251 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बीते कई दिनों बाद मौसम दिनभर साफ रहा।
राहत कार्यों में तेजी की उम्मीद
बारिश का दौर थमने से लोगों ने हल्की राहत महसूस की है। प्रदेश सरकार की ओर से चलाए जा रहे राहत कार्यों में भी अब और तेजी आएगी। शनिवार को ऊना में अधिकतम तापमान 34.6, बिलासपुर में 33.3, हमीरपुर में 32.4, भुंतर-सुंदरनगर में 31.5, मंडी में 31.4, कांगड़ा में 30.2, चंबा-सोलन में 29.0, नाहन में 28.8, धर्मशाला में 27.0, शिमला में 24.8 और मनाली में 23.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
इस मानसून सीजन में अब तक 376 लोगों की जान गई
इस मानसून सीजन में 24 जून से 26 अगस्त तक 376 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इनमें से 127 की सड़कों हादसों में मौत हो गई। कुल 349 घायल हुए हैं। राज्य में 2445 घर ढह हो गए हैं। 10504 को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त 306 दुकानों व 5384 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। अब तक राज्य में भूस्खलन की 156 और अचानक बाढ़ की 66 घटनाएं सामने आई हैं।