मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी की आखिरी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 20 अगस्त को ग्वालियर में होने जा रही है. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी प्रमुख रूप मौजूद रहेंगे. इसमें बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति में राज्य के सभी सांसदों, विधायकों, जिलाध्यक्षों और मोर्चा के प्रभारियों को भी बुलाया गया.इस बैठक में 1200 पदाधिकारियों के शामिल होने की संभावना है.
कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हो रही इस कार्यसमिति में अमित शाह बीजेपी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे.चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी शामिल होंगे.
बीजेपी की सबसे कमजोर स्थिति इसी इलाके में थी
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली कहते है कि ग्वालियर में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक रखने की बड़ी वजह है.ग्वालियर-चंबल में पार्टी में जमकर अंतर्विरोध है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सबसे कमजोर स्थिति इसी इलाके में थी.पार्टी ग्वालियर-चंबल की 34 में से सिर्फ 7 सीटों पर ही सिमट गई थी.कांग्रेस को बम्पर जीत के साथ 26 सीटों पर कब्जा कर लिया था.बसपा को एक सिटी मिली थी.श्रीमाली कहते है कि गृह मंत्री अमित शाह के कार्यसमिति में आने की बड़ी वजह भी गुटीय राजनीति और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करना हो सकती है.
18 माह बाद राज्य की सत्ता में वापसी की थी
यहां बताते चले कि 2018 में ग्वालियर-चंबल में हार के बावजूद यहां के कांग्रेसी विधायकों की बगावत के दम पर बीजेपी ने 18 माह बाद राज्य की सत्ता में वापसी की थी.ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस की बगावत के बाद बीजेपी में सर्वाधिक 16 विधायक यहीं से पाला बदलकर बीजेपी में आए थे.हालांकि,इनमें 8 विधायक उपचुनाव जीत पाए थे.इसके चलते ग्वालियर-चंबल के राजनीतिक किले पर फतह पाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है.