अवैध शराब के लिए मशहूर गांव बना ‘मिनी ब्राजील’, पीएम मोदी ने की तारीफ

मध्य प्रदेश के सुदूर आदिवासी जिले शहडोल का एक गांव शराब की बदनामी से निकलकर आज फुटबॉल के जुनून की बुलंदी को छू रहा है. इसे आजकल मिनी ब्राजील या फुटबाल की नर्सरी की ख्याति मिली हुई है. इसका जिक्र रविवार (30 जुलाई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी किया है.पीएम मोदी ने जिस विचारपुर गांव का जिक्र किया, उसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई माह के पहले हफ्ते में शहडोल जिले में आए थे. शहडोल के ग्राम पकरिया में उन्होंने अलग-अलग स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी. इसी मुलाकात के दौरान जिले की फुटबॉल फुटबॉल क्रांति से जुड़े बच्चे भी उनसे मिले थे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह पूछा था कि शहडोल में कोई मिनी ब्राजील भी है क्या? तब उन्हें बताया गया कि शहडोल नगर के पास एक गांव विचारपुर है. इस गांव के हर दूसरे घर में फुटबॉल के खिलाड़ी हैं.
विचारपुर का पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में शहडोल के गांव विचारपुर का भी जिक्र किया. उन्होंने रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रम में कहा कि विचारपुर को मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस गांव के हर दूसरे घर में फुटबॉल खेली जाती है. यहां बताते चलें कि विचारपुर शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर बसा एक गांव है, जो कभी शराब के लिए बदनाम था. इस गांव के लगभग सभी घरों में देशी शराब बनाई जाती थी लेकिन ‘फुटबॉल क्रांति’ आने से आज इस गांव के हर दूसरे घर के बच्चे फुटबॉल को चकरी की तरह घुमाते नजर आते हैं.

स्थानीय खिलाड़ी लक्ष्मी सहित को नियुक्त किया गया है कोच
इस गांव से 45 बच्चे अलग-अलग लेवल पर नेशनल टूर्नामेंट खेल चुके हैं. इसी कारण अब यहां स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से फुटबॉल एकेडमी फीडर सेंटर खुलने जा रहा है. इसके लिए कोच की नियुक्ति भी कर दी गई है. मध्य प्रदेश शासन संचनालय खेल और युवा कल्याण विभाग भोपाल के माध्यम से फुटबॉल फीडर सेंटर विचारपुर के लिए कोच पद पर गांव की ही लक्ष्मी सहित को चुना गया है. लक्ष्मी सहित फुटबॉल की माहिर खिलाड़ियों में से एक है और वह विचारपुर की ही रहने वाली हैं. लक्ष्मी 9 बार नेशनल फुटबॉल टीम में खेल चुकी हैं. वे अब विचारपुर के मैदान में बच्चों को फुटबॉल सिखा रही हैं.

फुटबॉल से बच्चे नशा और मोबाइल की लत से हैं दूर- रईस अहमद
‘मन की बात’ कार्यक्रम में फुटबॉल क्रांति के कोच रईस अहमद का जिक्र भी प्रधानमंत्री मोदी ने किया. रईस अहमद वर्तमान में सहायक संचालक खेल और फुटबॉल कोच हैं. उन्होंने बताया कि आज पूरे शहडोल संभाग में फुटबॉल क्रांति के तहत एक हजार फुटबॉल क्लब बनाए जा चुके हैं, जिनमें 28 हजार से ज्यादा बच्चे जुड़े हुए हैं. ये बच्चे प्रतिदिन फुटबॉल खेलते हैं. पूरे संभाग में फुटबॉल क्रांति के तहत लगातार टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि फुटबॉल खेलने से बच्चे फिजिकली फिट तो हो ही रहे हैं, इसके साथ ही बच्चे नशे और मोबाइल की लत से भी दूर हैं.

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