पटना । बिहार में मूसलाधार बारिश के बाद यहां के कई जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है। लगातार बारिश ने हालात को और भी खराब बना दिया है। आम जनजीवन खासा प्रभावित हुआ है। लेकिन इन सब के बीच सूबे के सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे राज्य में हो रही लगातार बारिश और उससे हो रही तबाही के लिए नक्षत्र को जिम्मेदार बता रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि राज्य में ‘हथिया नक्षत्र’ के कारण जबरदस्त बारिश हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम से इतर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से बिहार में जारी मूसलाधार बारिश ‘हथिया नक्षत्र’ के कारण हो रही है। हथिया नक्षत्र में कभी कभी बहुत भयंकर बारिश होती है। बारिश ने अब प्राकृतिक आपदा का रूप ले लिया है।
अश्विनी चौबे ने कहा कि बिहार की भाजपा-जद (यू) गठबंधन सरकार, जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग 24 घंटे राहत एवं बचाव अभियान चला रहे हैं और स्थिति से निपटने के लिए काम कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री समेत पूरी राज्य सरकार स्थिति की नजदीक से निगरानी कर रही है। जिन लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है उनको राहत पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मौसम विभाग ने कहा है कि मॉनसून की सबसे अधिक देरी से वापस हो सकती है और बिहार सहित कई राज्यों में बारिश जारी है। प्रदेश में कम से कम 25 लोग मारे गए हैं जबकि बाढ़ के कारण रेलवे यातायात, स्वास्थ्य सेवाएं, स्कूल और बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई हैं। इससे पहले सीएम नीतीश कुमार भी राज्य में हो रही भारी बारिश और उससे होने वाली तबाही के लिए हथिया नक्षत्र को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।
गौरतलब है कि बिहार के कई जिलों में मुसलाधार बारिश की वजह से बीते कुछ दिनों से जलजमाव की स्थिति है। खास तौर पर पटना और आसपास के जिलों में हालात ज्यादा खराब हैं। मौसम विभाग ने राज्य में बारिश को लेकर अलर्ट भी जारी किया है। राज्य सरकार के अनुसार बिहार के कई जिलों में हो रही बारिश की वजह से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 41 हो गया है। एनडीआरएफ की कई टीमें प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का कार्य कर रही है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में बाढ़ से बिगड़े हालात को देखते हुए वायुसेना से मदद मांगी है। हालांकि, सोमवार देर रात से पटना में बारिश नहीं हुई है। बता दें कि पिछले कई दिन से हो रही बारिश के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश के अनेक हिस्से सोमवार को बाढ़ की चपेट में रहे वहीं देश भर में वर्षा जनित हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या 148 पर पहुंच गई हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि देश में 1994 के बाद इस मानसून में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने इसे ‘सामान्य से अधिक’ बताया। मानसून सोमवार को आधिकारिक रूप से तो समाप्त हो गया लेकिन यह देश के कुछ हिस्सों के ऊपर अभी भी सक्रिय है। मौसम विभाग के 36 उपमंडलों में से दो.. पश्चिम मध्य प्रदेश और सौराष्ट्र एवं कच्छ.. में ‘काफी अधिक’ वर्षा दर्ज की गई। बिहार में बारिश से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।
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