आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों की श्रेणी में स्थान प्राप्त हैं इनकी नीतियां दुनियाभर में प्रसिद्ध मानी जाती हैं। चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता हैं।
चाणक्य ने मनुष्य जीवन से जुड़े हर पहलु को लेकर अपनी नीतियों का निर्माण किया हैं जिसका अनुसरण अगर कोई मनुष्य कर लेता हैं तो उसका पूरा जीवन सरल और सफल हो जाता हैं चाणक्य ने खुशहाल जीवन के लिए मनुष्य को कुछ चीजों से दूर रहने की सलाह दी हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इसी विषय की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति।
इन चीजों से हमेशा रहें दूर-
चाणक्य नीति की मानें तो मनुष्य को सदा अहंकार से दूर रहना चाहिए। अहंकार से व्यक्ति सबकुछ नष्ट कर सकता हैं। अहंकारी मनुष्य हमेशा सच्चाई से दूर रहता है। ऐसे व्यक्ति खुद को सभी में श्रेष्ठ मानता हैं जिस कारण लोग उसका साथ छोड़ देते हैं। इसके अलावा मनुष्य को आलस्य से दूर रहना चाहिए। आलस व्यक्ति की प्रतिभा को नष्ट कर देती हैं ऐसा मनुष्य लाभ के अवसर से वंचित रह जाता हैं और अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाता हैं। इसके अलावा जो लोग हमेशा दिखावा करते रहते हैं उन्हें अपने जीवन में कभी शांति नहीं मिलती हैं।
ऐसे लोग हमेशा एक ऐसी प्रतिस्पर्धा में व्यस्त रहते हैं जिसका न तो कोई अंत होता हैं और ना ही महत्व। ऐसे लोग झूठ और गलत कामों में लिप्त रहते हैं जिसके कारण उन्हें परेशानियां भी उठानी पड़ती हैं ऐसे में दिखावा करने से बचना चाहिए। चाणक्य नीति कहती हैं कि मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु क्रोध हैं ऐसे में व्यक्ति को क्रोध से दूर रहना चाहिए। क्योंकि क्रोध मनुष्य को सम्मान प्राप्त करने का मौका नहीं देता हैं।