सरगुजा जिले में स्थित संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा एलएलएम की परीक्षा में त्रुटिपूर्ण और अटपटे प्रश्न का आरोप लगा परीक्षार्थियों द्वारा कुलपति को ज्ञापन सौंप कर इसे विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़, राजस्व की हानि बताते हुए आरोपों का सत्यापन करते हुए परीक्षा निरस्त कराने की मांग की गई. विद्यार्थियों का यह भी आरोप है कि इस तरह की त्रुटियों से न सिर्फ विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा धूमिल होती है बल्कि विद्यार्थियों का भरोसा भी कम होता है.
एलएलएम के परीक्षार्थी आरएन गुप्ता ने इस संबंध में कुलपति का ज्ञापन सौंपते हुए यह आरोप लगाया है कि 13 जुलाई को आयोजित परीक्षा के प्रश्न पत्र में पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्नों का समावेश किया गया है. पूर्व में 13 जुलाई में आयोजित परीक्षा में प्रश्नों की पुनरावृत्ति हुई थी और ऐसे अटपटे, अधूरे प्रश्न का समुचित उत्तर दे पाना परीक्षार्थियों के लिए संभव नहीं था.
परीक्षार्थियों ने यह लगाया आरोप
ज्ञापन में वह भी आरोप लगाया गया कि प्रश्न पत्र में महिलाओं के संबंध में ऐसे प्रश्न पूछे गये जो नहीं किए जाने थे यह प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर के हैं. इस तरह के सवाल पूछे गये जिसमें हिन्दू विधि में संयुक्त परिवार में पुत्री के पुत्र के बराबर अधिकार, महिलाओं के यौन शोषण पर मार्गदर्शक वाद, महिलाओं के अनैतिक व्यापार अधिनियम पारित करता है. भारत में परिवार न्यायालय अधिनियम, भारत में महिला आयोग की स्थापना, पुरुषों और स्त्रियों दोनों के समान कार्य, स्थानीय निकायों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व, भारत में स्वतंत्रता पश्चात महिलाओं के अधिकारों पर न्यायिक निर्णय जैसे प्रश्न पूछे गये इन प्रश्नों में कई प्रश्न अटपटे थे जिसका उत्तर संभव नहीं है.
परीक्षा के दौरान किसी ने नहीं लगाया आरोप
इस संबंध में कुलसचिव प्रो. विनोद एक्का ने कहा कि परीक्षा के दौरान वे भी उपस्थित थे. मगर किसी भी परीक्षार्थी के द्वारा इस तरह का आरोप नहीं लगाया गया था. उन्होंने कहा कि यदि किसी भी तरह की शिकायत है तो एचओडी के माध्यम से इसकी शिकायत की जानी चाहिए. ऐसे मामलों को बोर्ड के समक्ष रखा जाता है और परीक्षण के बाद ही बोर्ड कोई अंतिम निर्णय लेती है. उन्होंने बताया कि इस तरह की कोई भी शिकायत उन तक नहीं पहुंची है.