नई दिल्ली । आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस, बीजेपी के साथ कर्नाटक में गठबंधन करना चाहती है। हाल के दिनों में जेडीएस ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बीजेपी का साथ दिया है। एचडी देवेगौड़ा ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बचाव किया था। वहीं, देवेगौड़ा नए संसद भवन के उद्घाटन में बाकी विपक्षी पार्टियों की अपील ठुकरा कर पहुंचे थे।
देवेगौड़ा ने मंगलवार को बीजेपी के साथ गठबंधन पर पूछे जाने पर कहा कि ऐसी कौन-सी पार्टी है, जो बीजेपी के साथ नहीं गई? दरअसल, जेडीएस 28 में से चार लोकसभा सीटों पर लड़ना चाहती है। ये सीटें हैं- मांड्या, हासन, बैंगलुरु ग्रामीण और चिकबल्लापुर। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 28 में से 25 सीटें जीती थीं। मांडया से जीतीं सुमलता अंबरीष ने बीजेपी को समर्थन दिया था, जबकि जेडीएस केवल एक सीट हासन ही जीत सकी थी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी चुनाव हार गए थे।
जेडीएस को पिछले लोकसभा चुनाव में 9।67 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि विधानसभा चुनाव में जेडीएस को 13।29 प्रतिशत ही वोट मिले और उसकी सीटें घट कर 19 रह गईं। विधानसभा चुनाव में खिसकती जमीन के बाद अब जेडीएस के लिए अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई है। बीजेपी के हाथ से भी सत्ता निकलने के बाद लोकसभा चुनाव में पिछली बार की सीटों को बचाए रखने की चुनौती है। ऐसे में दोनों पार्टियों के साथ आने से वे कांग्रेस को चुनौती दे सकती हैं।
हालांकि, कई बीजेपी नेता जेडीएस के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं। उनकी दलील है कि बीजेपी अकेले ही कर्नाटक में पिछला प्रदर्शन दोहरा सकती है। उनके मुताबिक, जेडीएस अपनी खिसकती जमीन बीजेपी के बूते बचाना चाहती है। वैसे बीजेपी और जेडीएस दो बार साथ आ चुके हैं। बीजेपी एक बार एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनवा चुकी है। लेकिन दोनों ही बार अनुभव अच्छा नहीं रहा। आने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी दक्षिण में अपना किला मजबूत करना चाहती है।
बीजेपी, कर्नाटक हाथ से निकलने के बाद अब सभी दक्षिण भारतीय राज्यों में गठबंधन करना चाहती है। तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ गठबंधन हो चुका है और सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बन गई है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ गठबंधन पर चर्चा हो रही है। पुड्डुचेरी में बीजेपी पहले ही गठबंधन सरकार में शामिल है। केरल में कुछ छोटे दलों से बातचीत चल रही है। कर्नाटक में जेडीएस के आने से बीजेपी के मिशन दक्षिण को मजबूती मिलेगी।
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