जबलपुर: कोरोना काल में सभी व्यापार बंद थे, इसके बावजूद सेन्ट्रल बैंक के मैनेजर ने 15 लोगों के नाम पर लोन आवंटित किया। लोणकर राशि में बैंक मैनेजर और दलालों ने बंदरबांट कर लिया। जब लोन रिकवरी का नोटिस लोगों के पास पहुंचा तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। क्राइम ब्रांच ने आरोपी बैंक मैनेजर सहित तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
डीएसपी क्राइम सुशील कुमार चौहान से के अनुसार सेन्ट्रल बैंक विजय नगर की शाखा में मैनेजर के पद पर पदस्थ कमल मिश्रा ने कोरोना काल में व्यापार के नाम 15 व्यक्तियों के नाम लगभग सवा तीन करोड़ के लोन जारी किए थे। लोन की किस्त अदा नहीं करने पर संबंधित व्यक्तियों के घर पर नोटिस गए थे। लोगों ने पुलिस में आकर शिकायत दर्ज करवाई कि उनके नाम से फर्जीवाड़ा किया गया है।
काइम ब्रांच ने प्रकरण को जांच में लेकर विवेचना प्रारंभ की थी। विवेचना में पाया गया कि बैंक मैनेजर ने दलाल सुरेश मंचानी तथा महेश मंचानी सहित अन्य के साथ मिलकर व्यापार के लिए लोन जारी किया था। लोन अकाउंट से राशि दलालों के खाते में स्थानांतरण कर उसका बंदरबांट कर लिया। लोन देने के दौरान आवश्यक दस्तावेज की भी जांच नहीं की गई थी। पीड़ित अन्य व्यक्ति भी संपर्क कर रहे हैं, जिनके साथ इस तरह का फर्जीवाड़ा किया गया है। क्राइम ब्रांच ने मैनेजर सहित दोनों दलाल को गिरफ्तार कर लिया है। इस फर्जीवाड़े में और कौन लोग शामिल है, इस संबंध में जांच जारी है।
ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया प्रकरण
ईओडब्ल्यू ने भी बैंक मैनेजर सहित उसके साले प्रियंक तिवारी, दलाल संजय पटेल उसकी मां तथा बहन के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। बैंक मैनेजर और उसके साले ने तीन अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 25 लोगों के नाम पर फर्जी लोन जारी कर लगभग पौने दो करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया था। ईओडब्ल्यू निरीक्षक मनजीत सिंह ने बताया कि उक्त प्रकरण में जांच जारी है। अन्य पीड़ित व्यक्ति भी ईओडब्ल्यू से संपर्क कर रहे हैं।