हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच भारी बारिश हुई है। प्रदेश की राजधानी शिमला व अन्य भागों में बुधवार सुबह से बारिश का दौर जारी रहा। इससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिले में करीब तीन दशक बाद मई में मौसम का मिजाज बदला है। मई अंत में भी दिसंबर जैसी ठंड महसूस की जा रही है। शिमला में भी अभी तक लोगों के स्वेटर व जैकेट नहीं उतरे हैं। बुधवार सुबह कुल्लू में हल्की बारिश हुई, जबकि रोहतांग दर्रा सहित ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे। लगातार जारी बारिश-बर्फबारी से कृषि कार्य भी प्रभावित हुए हैं। किन्नौर जिले की ऊंची चोटियों पर भी बुधवार सुबह हल्की बर्फबारी हुई।
77 सड़कें बंद
प्रदेश में बुधवार को 77 सड़कें बंद रहीं। सिरमौर में 44, चंबा में 22, कुल्लू में 11, और बिलासपुर में 1 सड़क पर यातायात बंद रहा। कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे और सोलन जिले में कालका-शिमला नेशनल हाईवे-पांच पर कई जगह पहाड़ियों से पत्थर और मलबा सड़क पर आने से यातायात बीच-बीच में बाधित होता रहा। वहीं बारिश के साथ-साथ चोटियों पर बर्फबारी से अधिकतम तापमान 15 फीसदी लुढ़कने से मई में ठंड हो गई।
बारिश से आए मलबे में फंसी कार
राजधानी शिमला में बुधवार को दिन भर बारिश का दौर जारी रहा। शहर के मौसम में ठंडक भी बढ़ गई है। रोहतांग दर्रा सहित कुल्लू-लाहौल की ऊंची चोटियों, धौलाधार और रामपुर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। किन्नौर जिले के चौरा में भूस्खलन और पागलनाले का जलस्तर बढ़ने से यातायात प्रभावित हुआ है। एनएच पर चौरा में पत्थर गिरने से बुधवार दोपहर बाद एनएच कई बार बाधित हुआ। जिला सिरमौर के संगड़ाह के समीप एक आल्टो कार वालिया माइन से आए मलबे के बीच दब गई। समय रहते कार में सवार चार लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया। लगातार हो रही बारिश से गिरि नदी का जलस्तर बढ़ गया है। बुधवार को जटोन बैराज के तीन फ्लड गेट खोलने पड़े। बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, लहसुन, प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च, प्लम व खुमानी को नारी नुकसान हुआ है।
4 जून तक मौसम खराब रहने के आसार
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 4 जून तक प्रदेश में बारिश और अंधड़ का दौर जारी रहने की संभावना जताई है। इस दौरान कुछ स्थानों पर अंधड़ चलने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। वहीं, बुधवार को शिमला में न्यूनतम तापमान 13.5, सुंदरनगर 16.9, भुंतर 14.4, कल्पा 7.8, धर्मशाला 14.4, ऊना 18.5, नाहन 18.3, केलांग 4.8, पालमपुर 15.0, सोलन 15.0, कांगड़ा 17.0, मंडी 17.1, बिलासपुर 19.0, हमीरपुर 19.6, चंबा 17.1, डलहौजी 10.3, जुब्बड़हट्टी 15.4, कुफरी 10.2, कुकुमसेरी 7.5, नारकंडा 9.0, भरमौर 10.0, रिकांगपिओ 10.6, सेऊबाग 14.5, धौलाकुआं 21.7, बरठीं 19.2, मशोबरा 12.9, पांवटा साहिब 20.0, सराहन 10.5 और देहरा गोपीपुर में 17.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
बैरागढ़-साचपास-किलाड़ मार्ग पर कालाबन के समीप हिमस्खलन
वहीं, चंबा जिले में बैरागढ़-साचपास-किलाड़ मार्ग पर कालाबन के समीप हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान पर्यटक हिमस्खलन की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए। हिमस्खलन से इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पर एक बार फिर से ब्रेक लग गई।
मई में हुई सबसे ज्यादा बारिश
इस साल मई में राज्य में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। 2010 और 2016 को छोड़कर पिछले वर्षों में राज्य में कम बारिश दर्ज की गई थी। इस साल अप्रैल-मई में 286.9 मिमी मौसमी बारिश दर्ज की गई। जबकि इस अवधि के दौरान 240.7 मिमी बारिश को सामान्य माना गया। रिकॉर्ड के अनुसार राज्य में 2004 में सबसे कम मााइनस 63 प्रतिशत बारिश हुई।
अधिकतम तापमान डिग्री सेल्सियस में: शिमला में 13.5, सुंदरनगर 16.9, भुंतर 14.4, कल्पा 7.8, धर्मशाला 14.4, ऊना 18.5, नाहन 18.3, केलांग 4.8, पालमपुर 15.0, सोलन 15.0, कांगड़ा 17.0, मंडी 17.1, बिलासपुर 19.0, हमीरपुर 19.6, चंबा 17.1, डलहौजी 10.3, जुब्बड़हट्टी 15.4, कुफरी 10.2, कुकुमसेरी 7.5, नारकंडा 9.0, भरमौर 10.0, रिकांगपिओ 10.6, सेऊबाग 14.5, धौलाकुआं 21.7, बरठीं 19.2, मशोबरा 12.9, पांवटा साहिब 20.0, सराहन 10.5 और देहरा गोपीपुर में 17.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.