कंपाला । युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने एक नए कानून को मंजूरी दी है, जिससे समलैंगिकता के लिए कई मामलों में मौत की सजा भी दी जा सकती है। पूर्वी अफ्रीका के इस देश में कई लोगों ने इस सख्त नए समलैंगिकता विरोधी कानून का समर्थन किया है, लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और विदेशों में इसकी बड़ी आलोचना की गई है। बहरहाल नए कानून में एलजीबीटीक्यू लोगों को किसी अपराध के दायरे में नहीं रखा गया है, जो कई लोगों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय रहा है।
बहरहाल नया कानून अब भी ‘गंभीर समलैंगिकता’ के लिए मौत की सजा का प्रावधान करता है। इसमें एचआईवी से संक्रमित लोगों के साथ-साथ नाबालिगों और समाज के दूसरे कमजोर वर्गों के लोगों के साथ यौन संबंध बनाना शामिल है। कानून के मुताबिक ‘समलैंगिक संबंध बनाने की कोशिश’ करने वाले एक संदिग्ध को 14 साल तक की कैद हो सकती है। इसके पहले राष्ट्रपति ने अप्रैल में नेशनल असेंबली को बिल वापस भेज दिया था। जिसमें बदलाव करके एलजीबीटीक्यू के रूप में पहचान रखने वालों और वास्तव में समलैंगिकता में शामिल होने के बीच अंतर करने के लिए कहा गया था।
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