नई दिल्ली । महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत मामला अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचने वाला है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ गुरुवार 11 मई को महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर अपना फैसला सुना सकती है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने यह जानकारी दी है। उद्धव और शिंदे गुटों और राज्यपाल के कार्यालय की दलीलें सुनने के बाद प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा। इस जानकारी के बाद महाराष्ट्र में सत्ता का आनन्द ले रहे विधायकों की धड़कनें तेज हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत सत्ता पक्ष के 16 विधायकों की विधानसभा सदस्यता दांव पर लगी है।
उद्धव और शिंदे दोनों गुटों और राज्यपाल के कार्यालय की दलीलें सुनने के बाद प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा। ऐसी संभावना है कि, फैसला 11 मई को आएगा। क्योंकि इस पांच जजों की संविधान पीठ में एक जज 15 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। तो पूरी उम्मीद है कि, फैसला उनके रिटायरमेंट से पहले ही सुना दिया जाए।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…