बेंगलुरु । कर्नाटक के कल्याण क्षेत्र में सत्ताधरी भाजपा पैठ बनाने की कोशिश कर रही है, जो कांग्रेस का गढ़ और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्मस्थान है। 10 मई के विधानसभा चुनाव में भगवा ब्रिगेड यहां कांग्रेस को रोकने की पूरी कोशिश कर रही हैं। बीदर, कलबुर्गी, यादगीर, रायचूर, कोप्पल और विजयनगर जिलों वाला क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। यह क्षेत्र कर्नाटक के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों दिवंगत वीरेंद्र पाटिल और एन. धरम सिंह का घर भी है।
हालांकि कल्याण कर्नाटक में बड़े दल-बदल नहीं हुए हैं, खनन व्यवसायी और पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी ने अपना खुद का राजनीतिक संगठन, कर्नाटक राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) बनाया है, जो हालांकि, कोप्पल जिले के कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी हिस्सों को प्रमुख रूप से प्रभावित नहीं कर सकता। भाजपा इस क्षेत्र में जिन प्रमुख मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रही है, उनमें से एक यह है कलबुर्गी के अलंद में लाडले मशक दरगाह हैं। प्रमोद मुथालिक की विवादास्पद श्री राम सेना इस क्षेत्र में प्रचार कर रही है कि हिंदू मंदिर को परिवर्तित कर दरगाह बनाई गई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को उठाया था।
कलबुर्गी के व्यापारी ने बताया, कलबुर्गी और कल्याण कर्नाटक सांप्रदायिक सद्भाव का क्षेत्र रहा है। कुछ लोग गैर-जरूरी मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लगता है कि बीजेपी ने उनका समर्थन किया है। सभी को इससे बचना चाहिए। बीदर जिले का कल्याण शहर समाज सुधारक और कवि बसवेश्वर का जन्मस्थान था। लिंगायत समुदाय की प्रतिष्ठित आध्यात्मिक शख्सियत का जन्म यहीं हुआ था और कल्याण शहर का नाम बदलकर बसवा कल्याण कर दिया गया है।
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