सोमवार को रात के नौ बजे थे। दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में फोन की घंटी बजी। उठाते ही फोन करने वाले ने कहा, हैलो…. माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को पकड़ना चाहते हो तो झज्जर से हरदोई जा रही बस की चेकिंग करो। कंट्रोल रूम से सवाल किया गया, आप कौन बोल रहे हैं, बस का नंबर क्या है? जवाब मिला, मेरा नाम पता जानकर क्या करोगे।
इसके बाद उसने बस का नंबर बता दिया। फिर क्या था, दिल्ली पुलिस को वायरलेस पर अलर्ट किया गया और शुरू हो गई बसों की चेकिंग। थोड़ी देर में पता चला कि बस दिल्ली से निकल चुकी है और गाजियाबाद से होकर जाएगी। दिल्ली पुलिस ने जैसे ही इसकी सूचना गाजियाबाद पुलिस को दी, वैसे ही यहां भी चेकिंग शुरू हो गई लेकिन शाइस्ता नहीं मिली।
दिल्ली पुलिस से सूचना मिलने के बाद पुलिस की दो टीमें ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेसवे और दो टीमें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर पहुंची। यूपी रोडवेज की हरदोई जाने वाली बसों को एक-एक कर रुकवाया गया। रात के दस बजे से दो बजे तक चेकिंग की गई। कुल 20 बसों में तलाश हुई। कंट्रोल रूम पर बताए गए नंबर की बस भी तलाश ली गई।
उसमें 80 फीसदी से ज्यादा महिला मजदूर थीं। सभी की तलाशी ली गई लेकिन इनमें शाइस्ता नहीं थी। बसों के साथ पुलिस ने कुछ कारों की भी चेकिंग की लेकिन निराशा ही हाथ लगी। आखिर पुलिस की टीमें मायूस होकर लौट गईं। इसके बाद दिल्ली पुलिस से फोन करने वाले का पता लगाने के लिए कहा गया।
खबर देने का मकसद क्या?
गाजियाबाद पुलिस अब यह मालूम करने में लग गई है कि शाइस्ता परवीन के बस में जाने की सूचना देने के बाद क्या मकसद हो सकता है? जिसने यह सूचना दी, वह कौन है और उसे सूचना कहां से मिली? इसके लिए दिल्ली पुलिस से सूचना देने वाले की जानकारी करने के लिए कहा गया है। आशंका यह भी है कि कॉल पुलिस को भ्रमित करने के लिए की गई।
कराई गई थी चेकिंग
शाइस्ता के बस में होने की सूचना पर चेकिंग कराई गई लेकिन वह नहीं मिली। यह पता लगाया जा रहा है कि उसके बारे में सूचना किसने और क्यों दी थी। – रवि कुमार, डीसीपी ग्रामीण
67 दिन से फरार है शाइस्ता परवीन
प्रयागराज में शूटआउट में मारे गए माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रही है। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है। पुलिस 67 दिन में उसका पता नहीं लगा पाई है। उसके पकड़े जाने पर उमेश पाल हत्याकांड के कुछ और राज खुलने की संभावना है। इसललिए, उसकी तलाश यूपी में ही नहीं, बाहर भी की जा रही है। गाजियाबाद पुलिस अब यह मालूम करने में लग गई है कि शाइस्ता परवीन के बस में जाने की सूचना देने के बाद क्या मकसद हो सकता है? जिसने यह सूचना दी, वह कौन है और उसे सूचना कहां से मिली?