प्रत्येक वर्ष 2 मई को विश्व स्तर पर ‘विश्व टूना दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना संयुक्त राष्ट्र (United Nations – UN) द्वारा टूना मछली के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की जाती है। टूना मनुष्यों के लिए भोजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है क्योंकि टूना मछली में ओमेगा 3, विटामिन बी 12, प्रोटीन और अन्य खनिज़ों जैसे कई समृद्ध गुण होते हैं।
विश्व टूना दिवस का महत्व
टूना मुख्य रूप से दो चीजों के लिए प्राप्त किया जाता है जिन्हें पारंपरिक तौर पर डिब्बाबंद टूना (canned Tuna) और साशिमी / सुशी (Sashimi/Sushi) के रूप में जाना जाता है। विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund), पर्यावरण समूहों ने अब मत्स्य पालन करने वालों को चेतावनी दी है और टूना अब लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्गत आता है। इस दिन का उद्देश्य टूना की ओवरफिशिंग की समस्या और पारिस्थितिकी तंत्र और खाद्य श्रृंखला को बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है।
विश्व टूना दिवस का इतिहास
वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने टूना मछली के संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 2 मई को विश्व टूना दिवस के रूप में घोषित किया। पिछले कुछ वर्षों में, ओवरफिशिंग और अवैध फिशिंग के कारण टूना मछली की आबादी में 97 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। इसलिए टूना को विलुप्त होने से बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने एक विशेष दिन की घोषणा की और लोगों से टूना के संरक्षण की अपील की।