महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि प्रदेश में कभी भी चुनाव हो सकते हैं, इसके लिए हम तैयार हैं। रविवार को जलगांव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि प्रदेश में कभी भी चुनाव हो सकते हैं और इसके लिए हम तैयार हैं।
बता दें कि शिवसेना पार्टी में दो फाड़ होने के बाद उद्धव ठाकरे के खेमे से पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छिन गया, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हमे उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। इसके बाद कुछ भी और कभी भी हो सकता है।
बता दें कि शिवसेना में जिस तरह से एकनाथ शिंदे ने बगावत की थी और 40 विधायकों के साथ पार्टी से अलग हो गए थे, उसके बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी। एक गुट उद्धव ठाकरे खेमे का और दूसरा एकनाथ शिंदे का।
भाजपा शासित राज्य असम में कई दिनों तक होटल में कैंप करने के बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था और महाविकास अघाड़ी से अलग होकर नई सरकार का गठन किया। जिसके बाद एकनाथ शिंदे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में शिवसेना का आधिकारिक चुनाव चिन्हें धनुष-तीर और पार्टी का नाम शिंदे खेमे को दे दिया था। जिसके बाद उद्धव ठाकरे के गुट ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को फिर से वापस मांगा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि हमारी सरकार के कार्यकाल में किसी भी धर्म के साथ अन्याय नहीं होने दिया गया। आज महा विकास अघाड़ी ने तीन साल पूरे कर लिए हैं। वो हमपर आरोप लगाते हैं कि हमने हिंदुत्व को छोड़ दिया है, लेकिन सच्चाई यह है कि हम किसी भी धर्म के साथ अन्याय नहीं होने देते हैं, जिसकी मैंने शपथ ली थी। बिना भेदभाव के कोरोना काल में सभी धार्मिक स्थलों को बंद किया गया था।
भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा ऐलान करे कि वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ेगी। शिंदे कैंप पर हमला बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि आपको कोई खुद का आदर्श नहीं है, ना ही आपका कोई नेता है। यही वजह है कि आप दूसरे का आदर्श चुराते हैं, दूसरे के पिता और मां के नाम पर चुनाव लड़ते हैं।