रीवा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूज्य बापू कहते थे, भारत की आत्मा गांवों में बसती है। लेकिन कांग्रेस ने गांधी के विचारों को भी अनसुना कर दिया। नब्बे के दशक में पंचायती राज के नाम पर खानापूर्ति जरूर की गई, लेकिन फिर भी पंचायतों की तरफ वो ध्यान नहीं दिया गया, जिसकी जरूरत थी। राजनीतिक दलों ने गांव के लोगों को बांटकर अपनी दुकानें चलाईं। छिंदवाड़ा वालों पर आने भरोसा किया लेकिन वे विकास को लेकर उदासीन ही रहे।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर रीवा के विशेष सशस्त्र बल मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और पिछली सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कमलनाथ का नाम लिए बिना कहा कि ‘मैं कई बार सोचता हूं कि छिंदवाड़ा के जिन लोगों पर, आपने लंबे समय तक भरोसा किया, वो आपके विकास को लेकर, इस क्षेत्र के विकास को लेकर इतना उदासीन क्यों रहे? इसका जवाब, कुछ राजनीतिक दलों की सोच में है। आजादी के बाद जिस दल ने सबसे ज्यादा समय तक सरकार चलाई, उसने ही हमारे गांवों का भरोसा तोड़ दिया। गांव में रहने वाले लोग, गांव के स्कूल, गांव की सड़कें, गांव की बिजली, गांव में भंडारण के स्थान, गांव की अर्थव्यवस्था, कांग्रेस शासन के दौरान सबको सरकारी प्राथमिकताओं में सबसे निचले पायदान पर रखा गया। देश की आधी से ज्यादा आबादी जिन गांवों में रहती है, उन गांवों के साथ इस तरह सौतेला व्यवहार करके देश आगे नहीं बढ़ सकता। इसलिए 2014 के बाद, जब आपने हमें सेवा का अवसर दिया, तो हम गांव की अर्थव्यवस्था को, गांव में सुविधाओं को, गांव के लोगों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता में ले आए हैं।’ इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के विकास से जुड़ी 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
सरकार का पैसा बीच में लूट जाता था
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे गांव के लोगों का पहले देश के बैंकों पर अधिकार ही नहीं माना जाता था। उन्हें भूला दिया गया था। गांव के ज्यादातर लोगों के पास न बैंक खाते होते थे और न ही उन्हें बैंकों से सुविधा मिलती थीं। बैंक खाता न होने की वजह से, सरकार जो पैसा गरीबों को भेजती थी, वो भी बीच में ही लूट जाता था। हमारी सरकार ने इसे भी पूरी तरह बदल दिया है। हमने जन-धन योजना चलाकर गांव के 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खाते खुलवाए। हमने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से पोस्ट ऑफिस का उपयोग कर गांवों तक बैंकों की पहुंच बढ़ाई। आज इसका प्रभाव देश के हर गांव में नजर आ रहा है।
पहले की सरकारों ने गांवों के साथ अन्याय किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने भारत के गांवों के साथ एक और बड़ा अन्याय किया था। पहले की सरकारें गांव के लिए पैसे खर्च करने से बचती थीं। गांव अपने आप में कोई वोटबैंक तो था ही नहीं, इसलिए उन्हें नजरअंदाज किया जाता था। गांव के लोगों को बांटकर कई राजनीतिक दल अपनी दुकान चला रहे थे। भाजपा ने गांवों के साथ हो रहे इस अन्याय को भी समाप्त कर दिया है। हमारी सरकार ने गांवों के विकास के लिए भी तिजोरी खोल दी। हर घर जल योजना पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया जा रहा हैं। पीएम आवास योजना पर भी लाखों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। दशकों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत भी सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं। मध्यप्रदेश के लगभग 90 लाख किसानों को भी साढ़े 18 हजार करोड़ रुपए इस योजना के तहत मिले हैं।
हमारी सरकार ने करोड़ों दीदियों को लखपति दीदी बनाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार ने देश की करोड़ों महिलाओं को घर की मालकिन बनाया है। आज के समय में पीएम आवास का हर घर लाख रुपए से भी ज्यादा का होता है। भाजपा ने देश में करोड़ों दीदी को लखपति दीदी बनाया है। मैं इन सभी लखपति दीदीयों को प्रणाम करता हूं। आप आशीर्वाद दीजिए कि देश में और कोटि-कोटि दीदी भी लखपति बनें इसके लिये हम काम करते रहें। यहां चार लाख लोगों का उनके अपने पक्के घर में गृह प्रवेश हुआ है। बहुत बड़ी संख्या में लखपति दीदी बन गई हैं।
नौ करोड़ महिलाएं जुड़ी सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गांव में विकास के इतने काम होते हैं, जब इतना सारा पैसा खर्च होता है, तो गांव में रोजगार के अवसर भी बनते हैं। गांव के लोगों को गांव में ही काम देने के लिए केंद्र सरकार मुद्रा योजना भी चला रही है। मुद्रा योजना के तहत लोगों को बीते वर्षों में 24 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। मुद्रा योजना की बहुत बड़ी लाभार्थी भी हमारी बहनें हैं, बेटियां हैं, माताएं हैं। बीते नौ साल में नौ करोड़ महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप में शामिल हुई हैं। मध्यप्रदेश में भी 50 लाख से ज्यादा महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं। कितने ही लघु उद्योगों की कमान अब महिलाएं ही संभाल रही हैं। यहां तो राज्य सरकार ने हर जिले में दीदी कैफे भी बनाया है। पंचायत चुनावों में सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी करीब 17 हजार बहनें पंचायत प्रतिनिधी के तौर पर चुनी गयी हैं। ये अपने आप में बड़े गर्व की बात है।
17 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह की उपस्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना के 4 लाख 11 हजार हितग्राहियों को वर्चुअल गृह प्रवेश कराया। मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन की 7853 करोड़ रुपये की लागत की रीवा, सतना और सीधी जिलों के लिए स्वीकृत पांच बड़ी समूह जल-प्रदाय योजनाओं का शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के रेल नेटवर्क के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित कर 2300 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास एवं शुभांरभ किया। इनमें रीवा से इतवारी (नागपुर) व्हाया छिन्दवाड़ा, छिन्दवाड़ा से नैनपुर और नैनपुर से छिन्दवाड़ा चलने वाली ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। ग्वालियर रेलवे स्टेशन के 535 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास किया।
धरती मां को मारने का हक किसी को नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि धरती हमारी माँ है और माँ को मारने का हक किसी को नहीं है। खेती में बढ़ते रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग ने धरती के लिए संकटपूर्ण स्थिति निर्मित कर दी है। सभी पंचायत प्रतिनिधियों को धरती की सेहत सुधारने के लिए कृत-संकल्पित होना होगा। हम प्राकृतिक खेती अपना कर और लोगों को यह पद्धति अपनाने के लिए प्रेरित कर अपना योगदान दे सकते हैं। पंचायतें प्राकृतिक खेती पर केन्द्रित जन-जागरण अभियान चलाएं।
‘धरती कहे पुकार के‘ शीर्षक की सांस्कृतिक प्रस्तुति
प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और नवाचारों पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ भारत मिशन, आजीविका मिशन, अमृत सरोवर, ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए होमस्टे, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, जल जीवन मिशन, स्वामित्व योजना, रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना, बाणसागर परियोजना, व्हाइट टाइगर प्रोजेक्ट और कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों पर केंद्रित स्टाल थे। कार्यक्रम के आरंभ में “धरती कहे पुकार के” शीर्षक से सांस्कृतिक प्रस्तुति भी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह का साक्षी बनने के लिए देश की सभी ग्राम सभाएँ कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ी।