लोकसभा चुनावों में अभी वक्त है, लेकिन इसकी धमक अभी से सुनाई देने लगी है, खास तौर पर बिहार में। भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में अपना जनाधार बढ़ाने में लगी है। वहीं, दिग्गज नेता नीतीश कुमार उसको टक्टर देने में लगे हैं। ऐसे में बिहार राजनीति के दो पहलवालों का अखाड़ा बनने के लिए तैयार है, जहां आज यानी शनिवार को नीतीश कुमार और गृहमंत्री अमित शाह टकराएंगे। दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह आज बिहार में दो स्थानों पर भाजपा समर्थकों को संबोधित करेंगे। वहीं, दूसरी ओर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी महागठबंधन रैली के जरिए उनको जवाब देने की तैयारी कर ली है।
वाल्मीकि नगर लोकसभा में महागठबंधन पर निशाना साधेंगे शाह
राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह अपने बिहार दौरे की शुरुआत वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से करेंगे। यहां वह एक सार्वजनिक सभा को संबोधित भी करेंगे। गौरतलब है कि यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है बावजूद इसके साल 2019 में हुये चुनावों में यह सीट गठबंधन सहयोगी जदयू के खाते में चली गई थी। अमित शाह शनिवार दोपहर यहां लोगों को संबधित करेंगे। इसके बाद वे राजधानी पटना में किसानों की एक सभा को भी संबोधित करेंगे। करीब चार महीने से अधिक समय के बाद बिहार का दौरा कर रहे गृहमंत्री शाह का कार्यक्रम तख्त हरमंदिर पटना साहिब जाने का भी कार्यक्रम है।
राज्य भाजपा के प्रवक्ता और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा भाजपा संगठनात्मक ताकत और वैचारिक प्रतिबद्धता के दो स्तंभों पर खड़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री की बिहार यात्रा उसी की पुष्टि है। दूसरी ओर, महागठबंधन ने मुस्लिम तुष्टिकरण का अपना कार्ड खेलने के लिए सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सीमांचल क्षेत्र को चुना है।
महागठबंधन की रैली से जवाब देंगे नीतीश और तेजस्वी
वहीं, वाल्मीकि नगर से करीबन 400 किलोमीटर दूर पूर्णिया में महागठबंधन की रैली भी शनिवार को होगी। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी पहुंचेंगे। इन दोनों नेताओं के अलावा महगठबंधन के अन्य सहयोगी कांग्रेस और वाम दल के नेता भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि पूर्णिया मुस्लिम बहुल इलाके के केंद्र में है। जहां महागठबंधन अपनी ताकत बढ़ाने में लगा है।
महागठबंधन की ये है तैयारी
कई मंत्री तो पिछले 5 दिन से पूर्णिया में कैंप कर रहे हैं। इधर, रंगभूमि मैदान से लेकर पूरे पूर्णिया शहर को पोस्टर और बैनर पाट दिया गया है। हालांकि, कई बड़े-बड़े पोस्टर से राहुल गांधी की तस्वीर गायब दिखी। महागठबंधन के कई दिग्गज नेता करीब 5 दिनों से पूर्णिया में जमे हुए हैं। जानकार इसे महागठबंधन का शक्ति प्रदर्शन कह रहे। JDU-RJD-कांग्रेस-वाम दल और HAM के बड़े-बड़े नेता और कार्यकर्ता महारैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे।
उपेंद्र कुशवाहा लाए सियासत में भूचाल
वहीं दूसरी ओर, उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी बनाकर बिहार की सियासत में एक अलग की भूचाल ले आए हैं। यहां फिलहाल राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड से ज्यादा चर्चा राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) की हो रही है। नई पार्टी के गठन के बाद अब कुशवाहा 28 फरवरी से 6 मार्च और 15 मार्च से 20 मार्च के दरम्यान ‘विरासत बचाओ नमन यात्रा’ पर निकल रहे हैं। यह यात्रा विरासत के नाम पर है, लेकिन तीन दशक से बिहार की राजनीति जिस धुरी पर टिकी है- कुशवाहा उसी पर घूमेंगे। ‘ हालांकि भाजपा कुशवाहा के जरिए महागठबंधन को टक्कर देने के भी शायद योजना बना रही है। इसके संकेत अमित शाह की रैली से मिल भी रहे हैं।