इटावा : जसवंतनगर क्षेत्र में बावरिया गैंग के चार शातिर पुलिस की गिरफ्त में आए। दो दिन पूर्व लूट और हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। चारों गैंग के सदस्यों को पुलिस ने नकदी समेत लूट किए हुए सफेद और पीली धातु के आभूषण, हत्या में इस्तेमाल हथियार भी बरामद किए है।
गौरतलब है कि जसवंत नगर क्षेत्र के ग्राम पाठक पुरा में 2 पूर्व हुई लूट व हत्या के मामले में पुलिस ने सोमवार की शाम बावरिया गैंग के चार लोगों को गिरफ्तार कर 48 घंटे के अंदर घटना के पर्दाफाश करने का दावा किया है।
चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस क्षेत्राधिकारी जसवंत नगर ने खुलासा करते हुए बताया है कि इस घटना के संबंध में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें शहजाद पुत्र जुम्मन खां निवासी तरकारा थाना सैफई जनपद इटावा, जुम्मन खां पुत्र बख्शी खां निवासी ग्राम हाजी पुर सैमरी थाना करहल जनपद मैनपुरी, रईस पुत्र गुलाब निवासी वह चेहरा थाना सैफई जनपद इटावा तथा राहुल पुत्र नारू निवासी बंजारा बस्ती जोरनास थाना प्रताप नगर जिला भीलवाड़ा राजस्थान को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से अभियुक्त शहजाद के कब्जे से सफेद धातु की पायल घटना में प्रयुक्त एक कुल्हाड़ी एक लाल प्रिंटेड टी शर्ट तथा 5200 नकद, आरोपी जुम्मन खा से एक अंगूठी पीली धातु 5 हजार रुपए, रईस के कब्जे से सफेद धातु की पायल व 5100 नकद तथा आरोपी राहुल के कब्जे से एक अंगूठी पीली धातु तथा 5150 नकद बरामद किए गए हैं।
पुलिस ने धारा 396 के तहत मामला किया था दर्ज
इस घटना के संदर्भ में ग्राम पाठक पुरा थाना जसवंतनगर के निवासी प्रदीप कुमार यादव पुत्र स्वर्गीय इंदर सिंह यादव ने 18 फरवरी को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके घर में रात्रि के समय 8 से 10 के मध्य बदमाशों द्वारा उसकी मां को गंभीर चोट पहुंचा कर हत्या कर घर में रखी नकदी रुपए जेवरात लूट ले गए। पुलिस ने धारा 396 के तहत यह मामला दर्ज किया था।
लाल शर्ट, मफलर तथा मुखबिर की विशेष भूमिका रही
बदमाशों की सुरागरसी में घूम रही पुलिस को दोपहर लगभग 11 बजे कचौरा रोड रेलवे पुल के समीप उपरोक्त बदमाश हत्थे चढ़ गए जो कहीं बाहर भागने की फिराक में थे। पुलिस ने उनके कब्जे से उपरोक्त सामान भी बरामद कर लिया है। बताते हैं कि इस गैंग को पकड़ने में लाल शर्ट, मफलर तथा मुखबिर की विशेष भूमिका रही है। इस गैंग को पकड़ने में प्रभारी निरीक्षक जसवंतनगर मुकेश कुमार सोलंकी, निरीक्षक अपराध लक्ष्मी नारायण, उपनिरीक्षक मनोज कुमार, उपनिरीक्षक कपिल चौधरी, उपनिरीक्षक हेमंत कुमार सोलंकी, अभिषेक यादव, कौशलेंद्र सिंह, बिंदेश्वर कुमार, शिशुपाल, रामरतन आदि की भूमिका रही। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि इनके अलावा भी इस ग्रुप में कोई और भी बदमाश है, हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि इन बदमाशों का जो घुमंतू प्रवृत्ति के हैं इनके और भी साथी हो सकते हैं तथा इनका संपर्क राजस्थान की बावरिया गैंगों से भी हो सकता है।