इंदौर नगर निगम का ग्रीन बांड होगा जारी,निवेशकों से मिले मेयर

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इंदौर : देश में स्वच्छता के एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुके इंदौर नगर निगम ने ग्रीन बांड जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। नगर निगम सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए ग्रीन बांड जारी करने जा रहा है। बांड के जरिए जलूद जल संयंत्र पर 286 करोड़ की लागत से सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा। इससे पैदा होने वाली सौर ऊर्जा से संयंत्र के पंप चलेंगे और पहाड़ों को लांघ कर नर्मदा का पानी इंदौर पहुंचाया जाएगा। अभी इस काम के लिए हर माह बिजली का भारी भरकम बिल चुकाना पड़ता है।

ग्रीन बांड की लिस्टिंग से पहले इंदौर के मेयर पुष्य मित्र भार्गव मुंबई पहुंचे। उन्होंने निवेशकों से मुलाकात की और उन्हें ग्रीन बांड खरीदने के लिए आमंत्रित किया। मेयर ने मुंबई में रोड शो भी किया। ग्रीन बांड के लिए इंदौर में भी एक मिटिंग होगी और रोड शो किया जाएगा। 10 फरवरी को नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज में इंदौर नगर निगम के ग्रीन बांड को सूचीबद्ध किया जाएगा।

अभी खर्च होते हैं हर साल 150 करोड़
नर्मदा का पानी इंदौर तक पानी पहुंचाने के लिए अभी हर साल 150 करोड़ रुपये का बिजली बिल नगर निगम को चुकाना पड़ता है। ग्रीन बांड की राशि से जलूद में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा और उससे पैदा होने वाली बिजली से जलूद के वाटर पंप चलेंगे।

गाजियाबाद के बाद इंदौर नगर निगम ला रहा ग्रीन बांड
इंदौर नगर निगम देश का दूसरा नगरीय निकाय है, जो किसी प्रोजेक्ट के लिए ग्रीन बांड जारी करेगा। इसके पहले यूपी के गाजियाबाद में ग्रीन बांड जारी किए गए थे। गाजियाबाद देश का पहला नगर निगम है, जिसने मार्च 2021 में ग्रीन म्युनिसिपल बांड जारी किए थे। उसने 150 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसकी ब्याज दर 8.10 फीसदी रखी गई थी।

8 फीसदी से ज्यादा ब्याज मिलेगा
इंदौर नगर निगम के ग्रीन बांड में आम लोग भी निवेश कर सकेंगे। उनके लिए बांड की कीमत 10 हजार रुपये होगी। निगम को उम्मीद है कि ग्रीन बांड से नगर निगम को 250 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इसे खरीदने वालों को 8 फीसदी से ज्यादा ब्याज मिलेगा। ब्याज का छह छह माह में भुगतान होगा। नगर निगम सेबी के नियमों के अनुसार भुगतान करेगा।

बिजली की खपत कम होगी
जलूद में नगर निगम 60 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाएगा।इससे जो बिजली बनेगी, उससे चार करोड़ रुपये प्रतिमाह के बिजली भुगतान में कमी आएगी। अभी नर्मदा तट से इंदौर की 70 किलोमीटर दूरी तय कर पानी शहर में लाया जाता है। बिजली बिल की खपत कम करने के लिए नर्मदा तृतीय चरण में दो सुरंगों का भी निर्माण किया गया। तीन चरणों से शहर में रोज 500 एमएलडी पानी इंदौर लाया जाता है।

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