केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर रही हैं। कृषि क्षेत्र के लिए इस बार सरकार ने कई बड़े एलान किए हैं। सरकार ने इस साल किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है। आइए जानते हैं कि इस बार बजट में कृषि क्षेत्र के लिए क्या-क्या घोषणाएं हुईं हैं?
वित्त मंत्री ने क्या-क्या कहा?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कई बिंदुओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘इस बजट में सप्तऋषि की तरह सात प्राथमिकताएं हैं। पहली है- समग्र विकास। यह विकास किसान, महिलाएं, ओबीसी, एससी-एसटी, दिव्यांगजन, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को तक पहुंचना चाहिए। वंचितों को वरीयता मिलनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर का भी ध्यान रखा गया है। इसी प्राथमिकता के तहत कृषि के लिए डिजिटल लोक अधोसंरचना का निर्माण होगा। इससे किसानों को खेती की योजना बनाने, बीमा, कर्ज, मार्केट इंटेलिजेंस, स्टार्टअप और कृषि आधारित उद्योगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। उत्पादन क्षमता और लाभ कमाने की क्षमता भी बढ़ेगी। किसान, सरकार और उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ेगा। इसके लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा ताकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा सके। इससे आधुनिक तकनीक को भी बढ़ाया मिल सकेगा।’
उन्होंने आगे मोटे अनाज को लेकर भी एलान किए। बोलीं, ‘मोटे अनाज जिसे श्रीअन्न भी कहते हैं, इसे भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हम दुनिया में श्रीअन्न के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं। छोटे किसानों ने नागरिकों की सेहत को मजबूत करने के लिए श्रीअन्न उगाया है और बड़ी भूमिका निभाई है। सरकार कपास की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देगी। इससे किसानों, सरकार और उद्योगों को साथ लाने में मदद मिलेगी।’
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