बिहार की सियासत में हलचल मची है। जबसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन छोड़कर आरजेडी के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई है। महागठबंधन और भाजपा के मध्य दंगल छिड़ा हुआ है।
वहीं अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि वह किसी भी कीमत पर बीजेपी के साथ नहीं जायेंगे। अंतिम सांस तक उन्हें बीजेपी से हाथ मिलाना नहीं मंजूर है।
उन्होंने कहा, हम अटल जी के अनुयायी हैं। हम भाजपा के साथ कभी नहीं जाना चाहते थे। लेकिन यह लोग पीछे पड़ गए और साथ आए। मेरी मुख्यमंत्री बनने की अभिलाषा नहीं थी। लेकिन इन लोगों ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया।
बीजेपी के लोगों ने जो किया मेरे साथ वह सबने देखा है। चुनाव होने दीजिए सब पता चल जाएगा और कौन कितने पानी मे है यह उभर कर आएगा। जानकारी के लिए बता दें उपेंद्र कुशवाहा लगातार अपनी ही पार्टी से बगावत कर रहे हैं। उनके संपर्क बीजेपी के नेताओं के साथ हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है और अंदरूनी सुगबुगाहट है कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालाकि उपेन्द्र कुशवाहा यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वह नीतीश कुमार के कहने पर भी जदयू नहीं छोड़ेंगे।