भोपाल: शराबबंदी के लिए शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती की पहल रंग लाने लगी है. उमा भारती के दबाव में अब मध्य प्रदेश की नई आबकारी नीति में मंदिरों से न्यूनतम 500 मीटर दूरी के बाद ही शराब दुकान खोलने का प्रावधान किया जा रहा है. अभी यह दूरी 50 मीटर है.
पिछले दिनों भाजपा नेता उमा भारती ने रामराजा के लिए प्रसिद्ध ओरछा शहर के प्रमुख प्रवेश द्वार पर शराब दुकान खोले जाने को लेकर विरोध जताया था. उन्होंने दुकान पर गोबर छिड़ककर इसे बंद करने के लिए कहा था. उनके विरोध को देखते हुए सरकार नई आबकारी नीति तैयार कर रही है. इसमें वित्त वर्ष 2023-24 में दुकानों का नवीनीकरण 10 प्रतिशत शुल्क अधिक लेकर किया जाएगा.
मुख्यमंत्री के साथ हो चुकी है अफसरों की बैठक
प्रदेश में हर साल एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होती है. इस बार के लिए भी वाणिज्यिक कर विभाग नई नीति के प्रावधान बनाने की तैयारियों में लगा है. मुख्यमंत्री के साथ विभागीय अधिकारियों की एक दौर की बैठक हो चुकी है. सूत्रों का कहना है कि मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों से 500 मीटर की परिधि में शराब दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
धार्मिक स्थल, स्कूल व अस्पताल के पास शराब दुकानों का विरोध
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से लेकर कई समाज सेवी लोगों ने धार्मिक स्थल, स्कूल और अस्पतालों के आसपास शराब दुकान और आहता नहीं होने की बात उठाई है. लिहाजा, लाइसेंस नवीनीकरण पर ऐसी सभी दुकानों को अन्यत्र स्थानांतरित करना होगा. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पूर्व की घोषणा को मद्देनजर रखते हुए इस बार भी नई दुकान नहीं खोली जाएगी. हालांकि, कंपोजिट दुकान (देसी और विदेशी शराब की बिक्री एक ही दुकान से करना) की व्यवस्था जारी रखी जाएगी.
लाइसेंस रिन्यू में पहला अधिकार वर्तमान ठेकेदार को
दुकान संचालन का पहला अधिकार वर्तमान ठेकेदार को मिलेगा. इसके लिए लाइसेंस का वर्ष 2022-23 की दर से 10 प्रतिशत तक अधिक शुल्क नवीनीकरण में चुकाना होगा. जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं होगा, उनकी नीलामी छोटे समूह बनाकर की जाएगी. इस प्रक्रिया को आनलाइन रखा जाएगा, ताकि पारदर्शिता रहे. वहीं, नशामुक्ति के लिए लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाए जाने का प्रावधान भी नीति में रहेगा.