नई दिल्ली- भारत के तीन चुनाव आयुक्तों में से एक अशोक लवासा के परिवार के तीन-तीन सदस्य आयकर विभाग के रडार पर हैं। दो दिन पहले ये खबर दी थी कि आयकर विभाग चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी नोवेल सिंघल लवासा के खिलाफ इनकम टैक्स में गड़बड़ी की जांच कर रहा है। लेकिन, अब पता चला है कि उनके बेटे और बहन भी आयकर विभाग की निगरानी में हैं और उनके खिलाफ भी जांच चल रही है। गौरतलब है कि इस साल अशोक लवासा तब सुर्खियों में आए थे, जब लोकसभा चुनाव में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में क्लीनचिट देने का विरोध किया था।
लवासा की पत्नी के खिलाफ क्या मामला है?
आयकर विभाग इस वक्त चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी नोवेल सिंघल लवासा, बेटे अबीर लवासा और बहन शकुंतला लवासा के खिलाफ इनकम टैक्स में अनियमितताओं की जांच कर रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की खबरों के मुताबिक आयकर विभाग ने नोवेल लवासा को 10 कंपनियों के डायरेक्टर रहते हुए आईटी रिटर्न में कुछ बिंदुओं पर जवाब देने के लिए पिछले महीने नोटिस जारी किया था। विभाग ने शुरुआती जांच के बाद उनके पर्सनल फाइनेंस से जुड़े कुछ और दस्तावेज देने को कहा है। ये मामला 2015 से 2017 के बीच का है, जब वो कई कंपनियों में डायरेक्टर थीं। जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग को 2008-2009 और 2010 में दो ‘संदिग्ध लेनदेन’ की आशंका है। नोवेल लवासा पिछले अगस्त महीने से आयकर विभाग के रडार पर हैं।
बेटे और बहन भी निगरानी में
अब जानकारी मिल रही है कि आयकर विभाग ने चुनाव आयुक्त लवासा के बेटे अबीर लवासा के खिलाफ भी नोटिस जारी किया है। ये मामला नॉरिश ऑर्गेनिक फूड्स लिमिटेड से संबंधित है जिसमें अबीर डायरेक्टर हैं और उनके पास कंपनी के 10,000 शेयर हैं। अबीर ने बताया है कि, ‘नॉरिश ऑर्गेनिक को आयकर विभाग का एक नोटिस मिला था। अगस्त के पहले हफ्ते में कंपनी के एकाउंट्स से जुड़े दस्तावेजों की छानबीन की गई थी। उसके बाद से विभाग ने कुछ भी नहीं भेजा है।’ जबकि अशोक लवासा की बहन शंकुतला लवासा को दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 2017-18 में 1.86 करोड़ रुपये का एक घर खरीदने के मामले में अगस्त महीने में ही नोटिस भेजा गया था। शकुंतला पेशे से पीडियाट्रिशियन है और घर पति-पत्नी के नाम है।
लवासा की पत्नी का कहना क्या है?
नोवेल लवासा का कहना है कि उन्होंने अपने आय के स्रोतों की पूरी जानकारी दे दी है और सभी टैक्स भी चुका दिए हैं। उन्होंने कहा है कि , ‘यह बताया जाता है कि मैंने मुझ पर लगने वाले सारे टैक्स का भुगतान कर दिया है और पेंशन एवं सभी दूसरे स्रोतों से मेरी आय की जानकारी आयकर कानून के तहत जाहिर कर दिया है।’ उन्होंने ये भी कहा है कि 28 साल तक एसबीआई में क्लास वन ऑफिसर रहने के कारण अपने अनुभव की वजह से उन्होंने प्रोफेशनल ऐक्टिविटी जारी रखा और वो कई कंपनियों में स्वतंत्र डायरेक्टर भी रहीं। उन्होंने कहा है कि 5 अगस्त, 2019 से मिले सभी इनकम टैक्स नोटिस का उन्होंने जवाब दे दिया है और विभाग को आगे की प्रक्रिया में पूरा सहयोग कर रही हैं।
पिछले साल चुनाव आयुक्त बने थे लवासा
गौरतलब है कि अशोक लवासा को पिछले साल 23 जनवरी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे केंद्रीय वित्त सचिव जैसे पद से रिटायर हो चुके थे। इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री मोदी के 4 और अमित शाह के एक भाषण के सिलसिले में उन्हें चुनाव आयोग से मिली क्लीनचिट का विरोध किया था। यही नहीं चुनाव आचार संहिता को लेकर भी उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा से अलग राय रखी थी।