इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन सोमवार को हंगामे की भेंट चढ़ गया। सुबह सैकड़ों एनआरआई को गेट पर रोक दिया गया और बाद में लंच के समय भी यह मोदी से मुलाकात के लिए चयनित एनआरआई को निराशा ही लगी। लंच के लिए चयनित 140 नामों में से अधिकांश लोगों को पीएम मोदी से मिलने से रोक दिया गया। अंतिम समय में हुई इन सभी का गफलतों की वजह से दुनिया भर से इंदौर आए एनआरआई बेहद नाराज हुए। लंच के लिए तय नाम 103 से 140 हुए फिर 40 ही मिल सके प्रधानमंत्री की स्पीच के बाद 140 लोगों के साथ उनका लंच तय किया गया था। पहले यह सूची 103 की थी जिसे अंतिम समय में 140 तक किया गया। बढ़ते दबाव और नाराजगियों के चलते सिर्फ 40 लोगों को ही अंतिम समय एंट्री मिली।
इंदौर के नेता और वरिष्ठ उद्योगपति भी नजरअंदाज
इस लंच में प्रमुख राजनेता, उद्योगपति, समाजसेवियों को शामिल किया गया था। पिछले 2 महीनों से तैयार हो रही इस लिस्ट में सभी लोगों ने पीएम मोदी के साथ बातचीत का सपना संजो रखा था जो अंतिम समय में टूट गया। पीएम के साथ लंच करना प्रतिष्ठा का विषय बन गया और अंदर जाने की होड़ ने सभी प्रमुख लोगों को पीएम मोदी के साथ मीटिंग से वंचित कर दिया। इंदौर के राजनेता और सभी वरिष्ठ मन मसोस कर रह गए।
दर्द छलक पड़ा
इंदौर के लिए दिन रात एक करने वालों का दिल टूटा। अमर उजाला ने इस कार्यक्रम के लिए दिन रात एक कर रहे प्रवासी भारतीयों से बात की तो उनका दर्द छलक पड़ा। प्रवासी भारतीयों को इंदौर लाने के लिए कई महीनों से कड़ी मेहनत कर रहे फ्रेंड्स ऑफ एमपी के सदस्य भी अंतिम समय में पीएम मोदी से मुलाकात नहीं कर पाए। इंदौर की प्रतिष्ठा की खातिर नाम न छापने की शर्त पर सभी ने बताया कि वह इस बात से बेहद दुखी हैं। उन्होंने दुनिया भर के लोगों को इंदौर लाने के लिए दिन रात मेहनत की लेकिन अंतिम समय में उन्हें दरकिनार कर दिया गया।