ग्वालियर: प्रदेश में ग्वालियर की एक कोर्ट में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव बीते 25 वर्षों से फरार घोषित हैं। हथियारों की अवैध खरीद-बिक्री मामले में उनका नाम आरोपियों में शामिल है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि लालू प्रसाद यादव नाम का जो व्यक्ति आरोपी है, वे बिहार के पूर्व सीएम ही हैं। इसका कारण यह है कि आरोपी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के नाम अलग-अलग हैं। लालू प्रसाद यादव का नाम जुड़ा होने की वजह से इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में हो रही है।
लालू प्रसाद यादव को इस मामले में साल 1998 में अदालत ने फरार घोषित किया था। आरोप है कि यूपी की फर्म के संचालक राजकुमार शर्मा ने ग्वालियर की तीन आर्म्स फर्म से फर्जीवाड़ा कर 1995 से 1997 के बीच हथियार और कारतूस खरीदे थे। राजकुमार शर्मा ने हथियार और कारतूस बिहार में बेचा था। बिहार में जिन लोगों को हथियार बेचे गए, उनमें लालू प्रसाद यादव का नाम भी शामिल है।
पुलिस का मानना है कि ये वही लालू प्रसाद यादव हैं, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रेल मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, अदालत के रेकॉर्ड में मौजूद दस्तावेजों से इसकी पुष्टि नहीं होती। अदालत के दस्तावेज के मुताबिक आरोपी के पिता का नाम कुंद्रिका सिंह है। जबकि बिहार के पूर्व सीएम के पिता का नाम कुंदन राय है। लालू यादव के पिता का नाम केवल फरारी पंचनामे में लिखा है। पुलिस ने न्यायालय में जो चालान और फरार आरोपियों की सूची पेश की, उसमें पिता का नाम नहीं लिखा है। जबकि शेष आरोपियों के पिता के नाम के साथ शहर तक का उल्लेख किया गया है।
ये फर्जीवाड़ा 23 अगस्त 1995 से लेकर 15 मई 1997 के बीच किया गया। कुल तीन फर्म से हथियार और कारतूस की खरीद की गई। इस मामले में कुल 22 आरोपी हैं। इसमें से छह के खिलाफ ट्रायल चल रही है। दो की मौत हो चुकी है, जबकि 14 फरार चल रहे हैं।