भोपाल: शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा मंगलवार को राजधानी भोपाल में विरोध प्रदर्शन करते हुए शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों में वृद्धि के साथ मातृभाषा हिंदी को महत्व दिलाने की मांग की गई !
शिक्षक पात्रता परीक्षा संघ से रंजीत गौर, रचना व्यास, जीममती,श्रद्धा,सरोज धाकड़, संतोष कुमार सहित अन्य अभ्यर्थी मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को ज्ञापन पत्र सौंपना चाह रहे थे परंतु मुख्यमंत्री का भोपाल ना होने के कारण पुलिस प्रशासन द्वारा पॉलिटेक्निक चौराहा पर पात्र अभ्यर्थियों को रोका गया साथ ही साथ उनके पांच सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन पत्र सौंपा गया !
रंजीत गौर सहित अन्य अभ्यर्थियों ने बतलाया कि स्कूल शिक्षा एवं जनजातीय विभाग द्वारा माध्यमिक शिक्षक भर्ती में मातृभाषा हिंदी के नाम मात्र के पद घोषित किए गए हैं जिससे अच्छे नंबर व रैंक होने के बावजूद भी हिंदी विषय के अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती से बाहर हो गए हैं ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक भर्ती 2018 के प्रथम चरण में मात्र 100 पद दिए थे वहीं द्वितीय चरण में मात्र 300 पदों पर भर्ती की जा रही है इसी प्रकार से जनजाति विभाग के प्रथम चरण में 348 पद दिए गए थे और दूसरे चरण में मात्र 13 पद घोषित किए गए हैं जिससे पात्र अभ्यर्थियों में आक्रोश अधिक दिखाई दे रहा है
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी हिंदी भाषा पर महत्व देती है वहीं प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई भी हिंदी माध्यम से कराए जाने की घोषणा हो चुकी है !
उसके बावजूद भी माध्यमिक शिक्षक भर्ती में मातृभाषा हिंदी को आरटीई के नियमों का हवाला देते हुए विषय संरचना में छठवां स्थान देकर अपमानित किया जा रहा है,स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तर्क देते हुए कहा है कि हिंदी विषय तो कोई भी पढ़ा सकता है इसलिए हिंदी विषय को छठवां स्थान दिया गया है और हिंदी विषय के कम से कम पद रिक्त दर्शाए गए हैं !
अभ्यर्थियों ने बतलाया कि हमारा मध्य प्रदेश हिंदी भाषी प्रदेश है और हिंदी भाषा हमारी मातृ भाषा एवं राष्ट्रभाषा है अतः शिक्षक भर्ती में हिंदी को प्रथम वरीयता मिलना चाहिए !
माध्यमिक शिक्षक भर्ती में विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषय के साथ भी अवहेलना की जा रही है स्कूल शिक्षा विभाग के प्रथम चरण में जहां सामाजिक विज्ञान को 60 पद एवं विज्ञान को मात्र 50 पद दिए गए थे वहीं द्वितीय चरण में इन दोनों विषयों को एक भी पद नहीं दिया गया है !
वही जनजाति कार्य विभाग द्वारा सामाजिक विज्ञान के 58 और विज्ञान विषय के मात्र 17 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है !
21 नवंबर को भी पात्र अभ्यर्थियों ने शिक्षा विभाग एवं जनजाति विभाग के आयुक्त व प्रमुख सचिव को ज्ञापन पत्र सौंपकर रिक्त पदों में वृद्धि के साथ शिक्षक भर्ती को पूर्ण कराने की मांग की थी उससे पूर्व भी अभ्यर्थियों द्वारा राजधानी भोपाल में कई बार धरना प्रदर्शन किए जा चुके हैं !