मुंबई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने गुट के सांसदों-विधायकों को लेकर कामाख्या देवी के दर्शन के लिए 21 नवंबर को गुवाहाटी जाएंगे। महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद वह पहली बार कामाख्या मंदिर जाकर वहां पूजा-अर्चना करेंगे। महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल के बाद जून के अंत में उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी। इसके बाद बागी एकनाथ शिंदे ने भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने एकनाथ शिंदे के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उसके कुछ दिन बाद शिंदे मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। जिसमें शिंदे गुट के कई विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
बता दे कि जून महीने में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों के साथ मिलकर बगावत कर दी थी और भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार का गठन कर लिया। शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी विचारधारा से हटकर कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। साथ ही उन्होंने बागी विधायकों को तवज्जो नहीं देने का भी आरोप लगाया था। इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के बाद शिंदे ने भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। इसके बाद ही उन्होंने मान्यता मानी थी कि वह कामाख्या देवी के दर्शन करेंगे, लेकिन राजनीतिक वरीयताओं की वजह से वह जा नहीं पाए थे।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…