चेन्नई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मोरबी में पुल हादसे पर पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से अलग रुख देखने को मिला है। पुल हादसे पर एक ओर जहां टीएमसी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था वहीं, ममता बनर्जी ने पीएम मोदी की आलोचना करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह हादसे में 130 से अधिक लोगों की मौत को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहती हैं।
ममता बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मिलने के लिए चेन्नई रवाना होने से पहले कोलकाता एयरपोर्ट पर कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। गुजरात उनका राज्य है। यह एक दुघद घटना है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।’
बनर्जी ने कहा, ‘मेरी मोरबी जाने की इच्छा हुई थी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया। लोग कह सकते थे कि मैं राज्य में चुनाव से पहले राजनीतिक करने के लिए वहां गई थी। घटना के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए। ब्रिटिश काल के पुल के रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया की जांच होनी चाहिए। बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को खोल दिया गया। यह मानव जीवन के साथ खिलवाड़ है।’
ममता ने की न्यायिक जांच की मांग
बंगाल की मुख्यमंत्री ने हादसे की सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच क्यों नहीं कर रहे हैं? एजेंसियां हमेशा आम लोगों के पीछे पड़ी रहती हैं। ममता बनर्जी का यह इशारा कहीं न कहीं उनकी पार्टी के कई नेताओं की जांच की ओर से इशारा करते हैं।
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