भोपाल : मध्यप्रदेश में मंगलवार को सूर्यग्रहण के दौरान कई शहरों में जनजीवन थम सा गया। उज्जैन के महाकाल मंदिर को छोड़कर बाकी सभी मंदिरों के पट बंद रहे। शाम 4.42 बजे से 5.38 बजे तक इस खगोलीय घटना के दौरान चांद ने सूरज के करीब 32 फीसदी हिस्से को ढंक लिया। भोपाल के रीजनल साइंस सेंटर में बड़ी संख्या में लोग सूर्य ग्रहण की घटना को देखने पहुंचे। सूर्यग्रहण 2022
उज्जैन की वेधशाला में भी भीड़ रही। सूर्यग्रहण के दौरान उज्जैन महाकाल मंदिर में दर्शन जारी रहे। महाकाल मंदिर पट कभी बंद नहीं होते हैं। ग्रहण के बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया गया। ग्रहण का सूतक लगने से गोवर्धन पूजा भी नहीं हुई। बता दें, 27 साल बाद दिवाली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण हुआ। यह इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है। इससे पहले यह खगोलीय घटना 24 अक्टूबर 1995 को दिवाली के दूसरे दिन हुई थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय भी इस खगोलिय घटना को देखने रीजनल साइंस सेंटर पहुंचे। वैज्ञानिक ने उन्हें बिस्किट देते हुए कहा, आप साइंटिफिक खगोलीय घटना को मानें और बिस्किट खाकर मिथक तोड़ें। लेकिन कार्तिकेय ने बिस्किट नहीं खाया। जब उनसे इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा- हर व्यक्ति की व्यक्तिगत आस्था होती है। हमारे देश में इस आस्था को लोग अलग-अग ढंग से मनाते हैं। उसका भी सम्मान होना चाहिए। विज्ञान अपनी जगह हैं। इसमें मैं कोई मैसेज नहीं देना चाहता। उज्जैन में भी खगोलीय घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे