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🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
📜««« आज का पञ्चांग»»»📜
कलियुगाब्द……………………..5124
विक्रम संवत्…………………….2079
शक संवत्……………………….1944
मास……………………………..अश्विन
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी………………………………षष्ठी
रात्रि 08.45 पर्यंत पश्चात सप्तमी
रवि…………………………दक्षिणायन
सूर्योदय………….प्रातः 06.18.00 पर
सूर्यास्त………….संध्या 06.14.42 पर
सूर्य राशि………………………..कन्या
चन्द्र राशि………………………वृश्चिक
गुरु राशी………………………….मीन
नक्षत्र……………………………ज्येष्ठा
रात्रि 03.03 पर्यंत पश्चात मूल
योग………………………..आयुष्मान
संध्या 07.54 पर्यंत पश्चात सौभाग्य
करण………………………….कौलव
प्रातः 09.41 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु……………………………..शरद
दिन………………………….शनिवार
🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-
01 अक्तूबर सन 2022 ईस्वी ।
🚩 षष्ठं कात्यायनी मातापूजन (षष्ठं दिवस) :-
कात्यायनी माता : मां दुर्गा का छठा स्वरूप :-
भगवती माँ दुर्गा जी के छठवें स्वरुप का नाम कात्यायनी है ! इनका कात्यायनी नाम पड़ने की कथा इस प्रकार है – कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे ! उनके पुत्र – ऋषि कात्य हुए ! इन्ही कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे ! इन्होने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी ! उनकी इच्छा थी की माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें ! माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली थी ! कुछ काल पश्चात जब दानव महिसासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बहुत बढ़ गया तब भगवान् ब्रह्मा , विष्णु , महेश तीनो ने अपने – २ तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया ! महर्षि कात्यायन ने सर्व प्रथम इनकी पूजा की ! इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाई ! ऐसी भी कथा मिलती है कि ये महर्षि कात्यायन के यहाँ पुत्री रूप से उत्पन्न भी हुई थी ! आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्ल सप्तमी , अष्टमी , तथा नवमी तक तीन – दिन इन्होने कात्यायन ऋषि कि पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था ! माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी है ! भगवान् कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्ही की पूजा कालिंदी – यमुना के तट पर की थी ! ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित है ! इनका स्वरुप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है !
☸ शुभ अंक………………………1
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
⚜️ अभिजीत मुहूर्त :-
दोप 11.52 से 12.39 तक ।
👁🗨 राहुकाल :-
प्रात: 09.18 से 10.47 तक ।
🌞 उदय लग्न मुहूर्त –
कन्या
05:21:30 07:32:10
तुला
07:32:10 09:46:47
वृश्चिक
09:46:47 12:02:57
धनु
12:02:57 14:08:35
मकर
14:08:35 15:55:42
कुम्भ
15:55:42 17:29:15
मीन
17:29:15 19:00:27
मेष
19:00:27 20:41:11
वृषभ
20:41:11 22:39:49
मिथुन
22:39:49 24:53:31
कर्क
24:53:31 27:09:41
*सिंह
27:09:41 29:21:30
🚦 दिशाशूल :-
पूर्व दिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ चौघडिया :-
प्रात: 07.49 से 09.18 तक शुभ
दोप. 12.15 से 01.44 तक चर
दोप. 01.44 से 03.12 तक लाभ
दोप. 03.12 से 04.41 तक अमृत
संध्या 06.10 से 07.41 तक लाभ
रात्रि 09.12 से 10.44 तक शुभ ।
📿 आज का मंत्र :-
।। ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ।।
॥ ध्यान मंत्र ॥
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी ॥
📢 संस्कृत सुभाषितानि –
काते कान्ता धन गतचिन्ता, वातुल किं तव नास्ति नियन्ता।
त्रिजगति सज्जनसं गतिरैका, भवति भवार्णवतरणे नौका॥१३॥
अर्थात :
तुम्हें पत्नी और धन की इतनी चिंता क्यों है, क्या उनका कोई नियंत्रक नहीं है| तीनों लोकों में केवल सज्जनों का साथ ही इस भवसागर से पार जाने की नौका है॥१३॥
🍃 आरोग्यं सलाह :-
धनिये का पानी पीने के फायदे –
3. खराब पाचन सही करे धनिया का पानी –
खराब पाचन को दूर करने के लिए धनिया बीज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि धनिया के बीज बोर्नियोल और लिनालूल यौगिक हैं जो पाचन प्रक्रिया में मदद करते हैं। धनिया बीज डायरिया से मुकाबला करने के लिए उपयोगी हो सकता है, जो बैक्टीरिया के कारण होता हैं, क्योंकि इसमें जीवाणुरोधी गुण हैं। इसके अलावा धनिए के ताजे पत्तों को छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में राहत मिलती है। इसके अलावा आप पेट की बीमारी में दो कप पानी में धनिये के बीज, जीरा, चाय पत्ती और शक्कर डालकर अच्छे से मिला ले। आपको एसिडिटी से आराम मिलेगा।
⚜ आज का राशिफल :-
🐐 राशि फलादेश मेष :-
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
धनार्जन सुगम होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा। पठन-पाठन में मन लगेगा। दूर यात्रा की योजना बन सकती है। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। वरिष्ठजनों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। बेचैनी रहेगी।
.🐂 राशि फलादेश वृष :-
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी के व्यवहार से क्लेश हो सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पारिवारिक चिंता में वृद्धि होगी। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा।
👫🏻 राशि फलादेश मिथुन :-
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
शत्रु नतमस्तक होंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय के स्रोतों में वृद्धि हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बाधा संभव है। फालतू खर्च होगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🦀 राशि फलादेश कर्क :-
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
शत्रु नतमस्तक होंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय के स्रोतों में वृद्धि हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बाधा संभव है। फालतू खर्च होगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🦁 राशि फलादेश सिंह :-
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।
🙎🏻♀️ राशि फलादेश कन्या :-
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी विवाद में उलझ सकते हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जोखिम न उठाएं। घर-बाहर असहयोग मिलेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। आय में कमी हो सकती है।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेचैनी रहेगी। थकान महसूस होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे।
🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कारोबारी अनुबंधों में वृद्धि हो सकती है। समय का लाभ लें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। कानूनी बाधा आ सकती है। विवाद न करें।
🏹 राशि फलादेश धनु :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
बेचैनी रहेगी। चोट व रोग से बचें। काम का विरोध होगा। तनाव रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल होंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। सुख के साधनों पर व्यय हो सकता है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें।
🐊 राशि फलादेश मकर :-
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद से क्लेश संभव है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। अपेक्षित कार्यों में अप्रत्याशित बाधा आ सकती है। तनाव रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। राज्य के प्रतिनिधि सहयोग करेंगे।
🏺 राशि फलादेश कुंभ :-
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
कष्ट, भय, चिता व बेचैनी का वातावरण बन सकता है। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मातहतों से संबंध सुधरेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।
🐋 राशि फलादेश मीन :-
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
धन प्राप्ति सुगम होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। भूमि, भवन, दुकान व फैक्टरी आदि के खरीदने की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। अपरिचितों पर अतिविश्वास न करें। प्रमाद न करें।
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |