वाशिंगटन (यूएस) : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अमेरिकी प्रशासन को वीजा मुद्दों को सुलझाने के लिए सभी आवश्यक मदद देने का आश्वासन दिया. उन्होंने आगे कहा कि चीजें जल्द ही बेहतर हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जहां जाहिर तौर पर मुख्य रूप से अमेरिका को चीजें सुलझानी हैं, लेकिन सहायक और सहयोगी की भूमिका में साथ होंगे. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग वीजा के मुद्दों के बारे में चिंतित हैं, मैं उन्हें यह संदेश देना चाहता हूं कि मैं उनकी चिंता और तात्कालिकता को समझता हूं. यही कारण है कि मैंने इस मामले को उठाया. उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री का नाम लेते हुए कहा कि मैंने ब्लिंकन को आश्वस्त किया है कि भारत स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में अमेरिका की मदद करेगा.
उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से उन्हें जो भी समस्या हो रही है वह हम दूर करेंगे. हम आशा करते हैं कि चीजें बेहतर होंगी. इससे पहले मंगलवार को, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आश्वासन दिया कि अमेरिका भारतीय नागरिकों से वीजा आवेदनों के बैकलॉग पर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन की एक योजना है जो आने वाले महीनों में लागू होगी. यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की वेबसाइट के मुताबिक, यूएस में विजिटर वीजा हासिल करने की चाहत रखने वाले भारतीयों के लिए वेटिंग पीरियड 800 दिन हो गया है.
छात्र/विनिमय आगंतुक वीजा और अन्य गैर-आप्रवासी वीजा के लिए प्रतीक्षा अवधि लगभग 400 दिन है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बैकलॉग के लिए कोविड -19 महामारी को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि वीजा जारी करने की हमारी क्षमता में नाटकीय रूप से गिरावट आई है. ब्लिंकन ने कहा कि हम वीजा को और कठिन नहीं बनाना चाहते हैं. इसके विपरीत, हम इसे सुविधाजनक बनाना चाहते हैं. यह अगले कुछ महीनों में होगा. हम इस पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ऐसे समय में स्थिरता लाने व एक सेतु की भूमिका निभा सकता है. जब दुनिया में आशा की कोई किरण नजर नहीं आ रही और अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के जोखिम को कम करने में और राजनीतिक दृष्टि से किसी तरह दुनिया का ध्रुवीकरण रोकने में मदद कर सकता है. जयशंकर ने भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बुधवार को कहा कि दुनिया में वास्तव में आशा की कोई किरण नहीं दिख रही.
राजनीतिक दृष्टि से हम किसी तरह से दुनिया का ध्रुवीकरण रोकने में कैसे मदद कर सकते हैं? जयशंकर ने कहा कि उन्हें लगता है कि बहुत से अन्य देशों खासकर ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को भारत से बहुत उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि हम जो कर सकते हैं करेंगे और हम दुनिया के हाशिए पर मौजूद सभी देशों से भी संपर्क करेंगे. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वार्षिक सत्र में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क की अपनी हाल में संपन्न यात्रा के दौरान जयशंकर ने दुनिया भर के विश्व नेताओं और उनके समकक्षों के साथ लगभग 100 बैठकें कीं.