मलप्पुरम: केरल के कांग्रेस सांसद ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से की और ‘हिंदू सांप्रदायिकता’ को बनाए रखने के लिए इस पर समान प्रतिबंध लगाने की मांग की. लोकसभा सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की टिप्पणी केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगियों पर ‘आतंकवादी लिंक’ होने पर मंगलवार देर रात एक अधिसूचना के माध्यम से जारी प्रतिबंध के मद्देनजर आई है.
‘जहाँ बहुसंख्यक सांप्रदायिकता है, वहाँ अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता भी आ रही है. इसलिए अंततः (बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक) दोनों सांप्रदायिकता खतरनाक है. यह देश के लिए खतरनाक हैं. इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. अन्यथा कोई परिणाम नहीं.’ इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा की गई हिंसा की निंदा करते हुए आरएसएस और विहिप को भी आड़े हाथों लिया, उन्हें ‘एक ही थाली के चट्टे बट्टे’ कहा. सभी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जो नफरत और हिंसा फैलाते हैं.’
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार रात एक अधिसूचना के माध्यम से घोषणा की कि ‘पीएफआई और उसके सहयोगियों को तत्काल प्रभाव से एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया गया है.’ पीएफआई के साथ-साथ रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) सहित इसके मोर्चों पर भी प्रतिबंध लगाया गया. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ के रूप में घोषित किया गया है.
यह कोई पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के किसी नेता की ओर से आरएसएस पर सीधा हमला किया गया हो. इससे पहले कई कांग्रेसी नेताओं ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी खाकी पैंट में आग लगी तस्वीर कांग्रेस पार्टी की ओर से शेयर की गयी जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.