इंदौर :इस बार नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रही है, इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. जगह-जगह पंडाल बनाने की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. इसके साथ ही व्यापारी वर्ग भी अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर चुका है, वहीं भक्त भी अलग-अलग तरीके से तैयारियां कर रहे हैं. इस बार की जो नवरात्रि आ रही है और जो माता इस बार आ रही हैं, वह हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. इसे काफी शुभ माना गया है, जिसे लेकर भक्त और श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं और पूरे श्रद्धा-भक्ति के साथ माता के आगमन कि तैयारी में जुटे हुए हैं. आखिर माता के अलग-अलग सवारियों का क्या महत्व होता है, हाथी पर सवार होकर जो माता आ रही हैं उसके क्या फायदे हैं, क्या महत्व है और किस तरह से शुभ संयोग बन रहे हैं. इस सब के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शास्त्री बता रहे हैं.
हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मातारानी: इस बार मां दुर्गा गज पर सवार होकर आ रही हैं. वैसे तो मां का वाहन सिंह है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि धरती पर जब नवरात्र के दिनों में मां का आगमन होता है तो उनकी सवारी बदल जाती है, जो आने वाले वक्त का संकेत भी होता है. ज्योतिष लोग मां के वाहन से आने वाले दिनों के शुभ और अशुभ होने का अनुमान लगाते हैं, दरअसल मां की सवारी नवरात्रि के दिन के प्रारंभ होने के हिसाब से होती है. लगभग 32 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जिसमें सबसे उत्तम वाहन में बैठकर मां का आगमन हो रहा है. माता के 36 कुल वाहन होते हैं उसमें से एक हाथी का वाहन भी होता है. हाथी इंद्र के द्वारा मां को समर्पित किया गया था.
हाथी वाहन का महत्व: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक जब हाथी पर बैठकर इस मृत्युलोक में विचरण करने के लिए मातारानी आती हैं, तो उसे काफी शुभ माना गया है. हाथी के ऊपर रिद्धि सिद्धि का वास होता और लक्ष्मी जी का भी निवास होता है, जो महालक्ष्मी का रूप माना गया है. जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो वो ऊंचाई पर रहती हैं. जिसकी वजह से उनकी चारों दिशा में दृष्टि पड़ती है, जहां जहां तक दृष्टि पड़ती है माता के आते समय स्थापित होते समय और जाते समय वहां पर उत्तम सुख समृद्धि, संपत्ति और वहां अच्छा समय होता है.
माता के अलग अलग वाहनों का महत्व: माता जब यहां आती हैं तो उनके कुल 36 वाहन होते हैं, जो देवताओं द्वारा प्रदान किया जाता है. इसमें सबसे शुभ वाहन हाथी माना गया है. जब झूले पर सवार होकर माता आती हैं तो यह भी बहुत शुभ है. कमल के फूल पर बैठकर जब आती हैं तो यह भी बहुत शुभ माना गया है. कहा जाता है इसमें लक्ष्मी की वर्षा होती है, पृथ्वी धन-धान्य से भर जाती है. हंस पर बैठकर जब मां आती हैं तो विद्यार्थियों के लिए लाभ होता है, जो अध्ययन करते हैं और जो प्रतियोगी परीक्षा में बैठते हैं वह सफल होते हैं. कभी-कभी मां मोर पर बैठकर आती हैं इसको मध्यम माना गया है, क्योंकि मोर थोड़ा चंचल होता है.