बेंगलुरु में बाढ़ जैसे हालात बनने पर पूर्व सीएम व जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने सीएम बसवराज बोम्मई पर निशाना साधा है। कुमारस्वामी ने बेंगलुरु झील और राजकालुवे पर अतिक्रमण को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
पत्रकारों से चर्चा में कुमारस्वामी ने मांग की कि मुख्यमंत्री बोम्मई श्वेत पत्र जारी कर जनता को बताएं कि बेंगलुरु में झील और राजकालुवे (पानी की निकासी की नालियां) पर किसने अतिक्रमण किया है? राजकालुवे के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि पैसा जारी किया गया है, तो पैसा किसके पास गया? जनता को पता होना चाहिए कि अतिक्रमण करने वाले कौन हैं?
पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि वृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) भाजपा के हाथ में है। पूरे राज्य को पता है कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने क्या किया? उन्होंने कहा कि सीएम बोम्मई कांग्रेस के बारे में जो चाहें कहें, लेकिन मेरे बारे में उन्हें जिम्मेदारी से बोलना चाहिए। मैंने बेंगलुरु की पेरिफेरल रिंग रोड के निर्माण पर 6,000 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया था। यह आज बढ़कर 22,000 करोड़ हो गया है। ये कांग्रेस और भाजपा की उपलब्धि है। उनकी एकमात्र उपलब्धि बीबीएमपी के उस दफ्तर में आग लगाना है, जहां दस्तावेज रखे जाते हैं।
बेंगलुरु में बाढ़ जैसे हालात पर पर भड़के कुमारस्वामी
बेंगलुरु में बाढ़ जैसे हालात बनने पर पूर्व सीएम व जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने सीएम बसवराज बोम्मई पर निशाना साधा है। कुमारस्वामी ने बेंगलुरु झील और राजकालुवे पर अतिक्रमण को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
पत्रकारों से चर्चा में कुमारस्वामी ने मांग की कि मुख्यमंत्री बोम्मई श्वेत पत्र जारी कर जनता को बताएं कि बेंगलुरु में झील और राजकालुवे (पानी की निकासी की नालियां) पर किसने अतिक्रमण किया है? राजकालुवे के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि पैसा जारी किया गया है, तो पैसा किसके पास गया? जनता को पता होना चाहिए कि अतिक्रमण करने वाले कौन हैं?
पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि वृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) भाजपा के हाथ में है। पूरे राज्य को पता है कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने क्या किया? उन्होंने कहा कि सीएम बोम्मई कांग्रेस के बारे में जो चाहें कहें, लेकिन मेरे बारे में उन्हें जिम्मेदारी से बोलना चाहिए। मैंने बेंगलुरु की पेरिफेरल रिंग रोड के निर्माण पर 6,000 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया था। यह आज बढ़कर 22,000 करोड़ हो गया है। ये कांग्रेस और भाजपा की उपलब्धि है। उनकी एकमात्र उपलब्धि बीबीएमपी के उस दफ्तर में आग लगाना है, जहां दस्तावेज रखे जाते हैं।