इंदौर:प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को लवकुश चौराहे पर 6 लेन फ्लाई ओवर का भूमि पूजन करेंगे। 57 करोड़ की लागत से बनने वाले इस फ्लाइ ओवर के बनने से न केवल इंदौर-उज्जैन रोड का ट्रैफिक सुगम होगा, बल्कि शहर के साथ गुजरात के लिए आने-जाने वाला ट्रैफिक इंदौर, भोपाल, ग्वालियर के आगे तक जा सकेगा। खास बात यह कि फ्लाइ ओवर डेढ़ साल में बनकर तैयार होगा। इसकी खूबसूरती और विशेषता यह रहेगी कि डिवाइडर के रूप में मेट्रो के लिए जगह बनाई गई है। यानी तीन-तीन लेन के बीच से मेट्रो गुजरेगी।
तीन-तीन लेन के बीच 12 मीटर का गैप, इसमें से गुजरेगी मेट्रो
शहर में 11 फ्लाइ ओवर बनना है। लवकुश चौराहे के फ्लाइ ओवर सहित तीन के टेंडर होने के साथ वर्क ऑर्डर हो चुके हैं। सुपर कॉरिडोर से विजय नगर की ओर (लव कुश, भौंरासला चौराहा तक) पर इस फ्लाइ ओवर का निर्माण किया जा रहा है। आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावडा ने बताया कि यह मप्र का ऐसा फ्लाइ ओवर होगा जिसके बीच में से मेट्रो ट्रेन गुजरेगी। इसके लिए करीब 12 मीटर का गेप रहेगा। इसके लिए मेट्रो प्रोजेक्ट की टीम से समन्वय कर लिया गया है। मेट्रो का स्टेशन सुपर कॉरिडोर पर कुछ पहले होगा। स्टेशन पर ऐस्कलेटर भी होगा। फ्लाय ओवर का निर्माण अगोहा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जाएगा। इसकी डिजाइन टेक्नो जीएम कंपनी द्वारा बनाई गई है। यही कंपनी फ्लाइ ओवर के निर्माण तक डिजाइन की मॉनिटरिंग करेगी। इसके पूर्व सुपर कॉरिडोर, पीपल्याहाना व बंगाली चौराहा ब्रिज 6 लेन बन चुके हैं। लेकिन ब्रिज के बीच में मेट्रो वाला यह पहला 6 लेन होगा।
जानिए फ्लाइ ओवर की विशेषताएं और क्या होंगे फायदे
– फ्लाइ ओवर की लम्बाई 700 मीटर तथा चौड़ाई 24 मीटर होगी।
– इसके बनने से सुपर कॉरिडोर से लगी सौ से ज्यादा कॉलोनियों, टॉउनशिप के लोगों के अलावा यहां संचालित हो रही सैकड़ों कंपनियों, एजुकेशन इंस्टिट्यूट, स्टार्टअप पार्क (प्रस्तावित) के हजारों लोगों को इसका फायदा मिलेगा।
– चूंकि सुपर कॉरिडोर की कनेक्टिविटी इंदौर-अहमदाबाद रोड से जुड़ी है। इसलिए यह फ्लाइ ओवर बनने के बाद एबी रोड जो इससे कनेक्ट होता है, यह लिंक का काम करेगा। यहां से गुजरात से आने-जाने वाले वाहन भोपाल, ग्वालियर, सारंगपुर के आगे तक आसानी से गुजर सकेंगे।
– सीधे कनेक्टिविटी मिलने से ट्रैफिक निर्बाध होकर गुजर सकेगा। शहर के लोग भी सीधे सुपर कॉरिडोर से बायपास तक आसानी से जा सकेंगे।
– इसके बनने से सिंहस्थ में भी इंदौर-उज्जैन रोड पर अब दबाव नहीं रहेगा। जिन वाहनों को इंदौर-उज्जैन नहीं जाना है वे इस फ्लाय ओवर से गुजर सकेंगे।
– अब पश्चिम रिंग रोड का काम भी जल्द शुरू होने वाला है। ऐसे में शहर के लोगों को पश्चिम रिंग रोड से अरंडिया बायपास तक की आवाजाही में सुविधा होगी।
– फ्लाइ ओवर बनने से इंदौर-उज्जैन होकर आने-जाने वाले वाहनों को अब लव कुश चौराहे पर सिग्नल के कारण लंबा वक्त लगता था, अब नहीं लगेगा। इस मार्ग पर शहर के बाहर से गुजरने वाले वाहनों का दबाब नहीं रहेगा।
इसलिए पड़ी फ्लाइ ओवर बनाने की जरूरत
– अभी इंदौर-उज्जैन रोड के अलावा सुपर कॉरिडोर और एमआर-10 रोड पर ट्रैफिक का दबाव बहुत ज्यादा है। लवकुश चौराहा पर स्थिति यह है कि वाहनों को रेड सिग्नल होने का लंबा इंतजार करना पड़ता है। यही से लोकल व बाहरी वाहन भी गुजरते हैं। इसके साथ ही यहां रात को आए दिन दुर्घटना होती हैं।
– वीआईपी मूवमेंट पर एयरपोर्ट से लव कुश चौराहा होकर गुजरने के दौरान यहां काफी समय पहले ही ट्रैफिक रोक दिया जाता है। फिर वीआईपी के गुजर जाने के बाद ट्रैफिक चालू होता है तो जाम की स्थिति बन जाती है।
– करीब 13 किमी लंबे सुपर कॉरिडोर तक वाहन निर्बाध गुजरते हैं लेकिन लव कुश चौराहा पर स्थिति बिगड़ जाती है। ऐसे कारणों के चलते फ्लाइ ओवर बनाने की जरूरत महसूस हुई और आज मुख्यमंत्री इसका भूमि पूजन कर प्रोजेक्ट को गति देंगे।
लेफ्ट वाले राइट में रुकते, फिर आगे बढ़ते, इससे भी होते हादसे
- इस चौराहे पर सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजह तेज रफ्तार वाहन तो हैं ही, लेफ्ट और राइट में मुड़ने वाले वाहनों का सही लेन में न जाना भी दुर्घटनाओं का कारण है।
- वाहन चालक सेंटर या राइट वाली लेन पर रुकते हैं और सिग्नल खुलते ही लेफ्ट की तरफ मुड़ जाते हैं। इसी तरह वाहन एकाएक लेफ्ट से राइट भी आते हैं।
- परेशानी शहर के अन्य चौराहों पर भी है, लेकिन यहां भारी वाहनों का दबाव अधिक है, इसलिए हादसे ज्यादा होते हैं।
इंदौर से उज्जैन और एमआर-10 से सुपर कॉरिडोर की राह आसान होगी
- इंदौर से उज्जैन के बीच दिनभर में 150 से ज्यादा बसों सहित हर दिन 7 हजार से ज्यादा वाहनों का दबाव रहता है।
- डेढ़ हजार से ज्यादा डेली अप-डाउनर्स हैं इंदौर-उज्जैन के बीच।
- दो हजार से ज्यादा वाहन विजय नगर से एमआर-10 होते हुए सुपर कॉरिडोर तरफ जाते हैं। वहीं से आगे पीथमपुर, धार रोड।
- हर सोमवार महाकाल दर्शन के लिए सैकड़ों भक्त उज्जैन जाते हैं।
- इंडस्ट्रियल एरिया होने से इंदौर-उज्जैन रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही सबसे ज्यादा। कई लोग दोपहिया से आते-जाते हैं।