नई दिल्ली: कांग्रेस के सीनियर लीडर मनीष तिवारी ने पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए पूछा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मतदाता सूची के बिना निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कैसे हो सकता है? निष्पक्ष और मुक्त प्रक्रिया का सार मतदाताओं के नाम और पते पर प्रकाशित किया जाना चाहिए. बता दें, लंबे अरसे बाद एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए चुनाव 17 अक्टूबर को होगा और दो दिन 19 अक्टूबर को पार्टी को नया अध्यक्ष मिलने की उम्मीद है. इन सबसे पहले कांग्रेस में विरोध के सुर उठने लगे हैं. सीनियर लीडर मनीष तिवारी ने मतदान करने वाले प्रतिनिधियों की सूची सार्वजनिक करने की मांग की है. इससे पहले आंनद शर्मा भी सीडब्ल्यूसी की बैठक में मतदाता सूची पर सवाल उठा चुके हैं.
कांग्रेस में ‘जी–23’ के सदस्य मनीष तिवारी संगठन चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री से पूछा है कि मतदाता सूची सार्वजनिक किए बिना निष्पक्ष चुनाव कैसे होगा? तिवारी ने कहा कि क्लब के चुनाव में भी ऐसा नहीं होता! इसके बाद अध्यक्ष पद के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं.
तिवारी ने उठाए ये सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए करीब 9 हजार मतदाता हैं. मधुसूदन मिस्त्री कहा कहना है कि मतदाताओं की सूची प्रदेश कांग्रेस कार्यालयों में है और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को सूची सौंपी जाएगी. तिवारी ने पूछा है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए क्या राज्यों में भटकना होगा? तिवारी के यह आशंका भी जताई है कि अध्यक्ष पद के चुनाव में किसी उम्मीदवार का पर्चा इस बहाने से रद्द किया का सकता है कि प्रस्तावक मतदाता ही नहीं है! अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है.
तिवारी के ट्वीट से साफ है कि कांग्रेस का बागी ग्रुप अध्यक्ष चुनाव के उम्मीदवार उतारने की तैयारी का रहा है. शशि थरूर ने एक दिन पहले संकेत दिए थे और अब मनीष तिवारी खुलकर सामने आ गए हैं. जी 23 के तीन नेताओं आनंद शर्मा, भूपेंद्र हुड्डा और पृथ्वी राज चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले गुलाम नबी आजाद से कल शाम मुलाकात की थी.